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Drug Scam: हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल नहीं करने पर रिनपास में दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी पर लगाया 20 हजार का हर्जाना

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Ranchi: Drug scam झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने रिनपास में दवा खरीदारी के टेंडर में अनियमितता के मामले आदेश के बाद भी जवाब दाखिल नहीं करने पर दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल पर बीस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।

अदालत ने उक्त राशि हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की के कल्याण कोष में जमा करने का निर्देश दिया है। हालांकि इस मामले में अदालत ने पूर्व में कहा था कि अगर इस बीच रिनपास की ओर से दवा खरीद के लिए कार्यादेश दिया जाता है, तो वह कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होगा। इसके बाद रिनपास की ओर से कंपनी से दवा आपूर्ति का कार्यादेश दिया गया।

लेकिन रिनपास ने अन्य दूसरी दवाओं की आपूर्ति भी इसी कंपनी से करना शुरू कर दिया, जिसके बाद एक अन्य याचिका क्यूरोफाइ के खिलाफ दाखिल किया गया। वेबसाइट पर अपलोड आदेश के अनुसार कोर्ट ने दो याचिकाओं में क्यूरोफाइ कंपनी की ओर से जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर दस-दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।

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रिनपास में करीब चार से पांच करोड़ रुपये की दवा खरीदी जानी है। इस मामले में टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर ज्यादा दाम पर दवा खरीद का आरोप लगाते हुए सीएल लैब और सिटी फार्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पिछली सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने अदालत को बताया कि टेंडर की शर्तों में सभी को दस टैबलेट का मूल्य देना था।

सभी ने ऐसा किया, लेकिन क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल ने एक टैबलेट का दाम कोट किया। जिसके बाद टेंडर समिति ने सभी कंपनियों की ओर से दवा के मूल्यों का दस गुणा कर एक चार्ट तैयार किया। इसमें ऐसा दिखाया गया है कि सभी कंपनियों की ओर से दस टैबलेट का ही मूल्य दिया गया।

जबकि क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल ने मात्र एक टैबलेट का मूल्य कोट किया था। ऐसा करने की वजह से करीब 27 प्रतिशत ज्यादा मूल्य पर दवा खरीदी जा रही है। इसके अलावा टेंडर में लोकल वितरक को शामिल होना था, जबकि क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल बैंगलोर की कंपनी है। अदालत ने कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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