कोरोना दवाः हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में सीआईडी के एडीजी को किया तलब

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने रेमडेसिविर और अन्य जरूरी दवाओं की कालाबाजारी की जांच को संतोषजनक नहीं मानते हुए सीआईडी के एडीजी को हाजिर होकर जांच की जानकारी देने का निर्देश दिया है। अदालत दवाओं की कालाबाजारी के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में आरोपी राजीव सिंह को जेल भेज दिया गया है। एक अस्पताल संचालक और दवा दुकान संचालक का बयान दर्ज किया गया है। इस मामले में अभी अनुसंधान जारी है, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस पर अदालत ने महाधिवक्ता से मामले में ग्रामीण एसपी की भूमिका के बारे में सवाल किया।महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनकी ग्रामीण एसपी से बात हुई है। उस समय लोग रेमडेसिविर और अन्य जरूरी उपकरण और दवाओं के लिए परेशान थे। उस समय की परिस्थिति को देखते हुए ग्रामीण एसपी ने सिर्फ किसी को मदद पहुंचायी थी।

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महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एक स्थानीय अखबार में राजीव सिंह को समाजसेवी बताते हुए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसमें राजीव सिंह का फोन नंबर भी दिया गया था और जरूरतमंदों को उस फोन नंबर पर संपर्क करने को कहा गया था। जब किसी व्यक्ति ने ग्रामीण एसपी से मदद मांगी तो उन्होंने अखबार में प्रकाशित विज्ञापन का नंबर दे दिया और उसे अपनी गाड़ी से राजीव सिंह के पास भेज दिया।

महाधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में एसपी के बॉडीगार्ड और उनके ड्राइवर का बयान दर्ज कर लिया गया है और अनुसंधान जारी है। इस पर अदालत ने कहा कि अभी तक की जांच से वह संतुष्ट नहीं है। अदालत ने सीआईडी के एडीजी को अगले सप्ताह अदालत में हाजिर हो कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

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