Conversion Case of UP: मीडिया रिपोर्टिंग रोकने पर बहस पूरी, हाईकोर्ट ने उमर की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

Prayagraj: Conversion Case of UP इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में मतांतरण मामले के मुख्य अभियुक्त उमर गौतम ने की ओर से याचिका दाखिल करते हुए जांच की मीडिया रिपोर्टिंग रोकने की मांग मामले में सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है।

जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान उमर गौतम की ओर से दलील दी गई कि प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ऐसे तमाम पहलुओं पर रिपोर्टिंग कर रही हैं, जो मामले की जांच से संबंधित हैं।

आशंका जताई गई कि इस प्रकार की रिपोर्टिंग से जांच प्रभावित हो सकती है व अभियुक्त के अधिकारों का हनन हो रहा है। याचिका में कई मीडिया संस्थानों को प्रतिवादी बनाते हुए मांग की गई कि उन्हें मामले की रिपोर्टिंग करने से रोका जाए।

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वहीं याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता एसएन तिलहरी ने दलील दी कि जांच एजेंसी मामले से संबंधित कोई भी तथ्य मीडिया को लीक नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मीडिया की रिपोर्टिंग के संबंध में पहले से कुछ दिशानिर्देश दे रखे हैं, ऐसे में वर्तमान याचिका पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायलाय ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया। बता दें कि इलाहाबाद से इंटर की पढ़ाई के बाद उमर ने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में प्रवेश लिया। यहां वह हॉस्टल में रहता था।

इसी दौरान उसकी मुलाकात बिजनौर निवासी नासिर से हुई। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती गहरी हो गई। बीएससी फाइनल के दौरान एक दिन वह साइकिल से जा रहा था तो उसके पैर में चोट लग गई। नासिर ही उसे अस्पताल ले गया। इस बीच नासिर के प्रभाव में आकर उसने 1984 में इस्लाम मत अपना लिया।

नासिर की मदद से ही उसने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली में प्रवेश लिया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि अभी लखनऊ एटीएस ने ऊधमसिंह नगर पुलिस से संपर्क नहीं किया है। यदि किसी एजेंसी ने संपर्क किया तो पूरा सहयोग किया जाएगा।

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