Court News: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कृष्ण बिनोद चंद्रन ने कहा कि देशभर में 1 जुलाई से लागू 3 नए कानून में न्यायिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है। इन कानूनों से न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इनमें पहले से मौजूद कई कानूनी चुनौतियों से निपटने का समाधान भी है। मुख्य न्यायाधीश शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में ‘नए आपराधिक कानून’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता को काफी सुविधा होगी।
सभी जिलों के डीएम, एसपी, जिला जज, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लोक अभियोजक आदि को संबोधित करते हुए जस्टिस चंद्रन ने कहा कि नए कानून में वैज्ञानिक और डिजिटल साक्ष्यों को प्रधानता दी गई है। इससे न्याय व्यवस्था अधिक प्रभावी बनेगी और न्याय दिलाने में तेजी आएगी। ऐसे में अधिक संख्या में फॉरेंसिक साइंस लैब कर्मियों की जरूरत पड़ेगी।
उन्होंने चाणक्या नेशनल लॉ विश्वविद्यालय में एफएसएल से जुड़े कोर्स की शुरुआत का सुझाव भी दिया। न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने कहा कि तीनों कानून से आपराधिक न्याय प्रणाली अधिक सुगम होगी। इसमें भ्रष्टाचार, मॉब लिंचिंग, महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों से निपटने की प्रमुखता से व्यवस्था की गई है। कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस जयमॉल बागची ने कहा कि नए कानून में दंड नहीं, न्याय की बात प्रमुखता से कही गई है।चाणक्य लॉ विश्वविद्यालय में एफएसएल से जुड़ा कोर्स शुरू करने का सुझाव दिया
प्रभावी तरीके से लागू होगा नया कानून डीजीपी
डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि नए कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इसमें डिजिटल ट्रायल और अनुसंधान पर काफी जोर है। अब तक 25 हजार पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। आगे सभी को ट्रेनिंग मिलेगी। दिल्ली स्थित नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के डॉ. नीरज तिवारी ने कहा कि पुराने कानून में 190 छोटे और बड़े बदलाव कर नया रूप दिया गया है। राजगीर स्थित पुलिस अकादमी के निदेशक भृगु श्रीनिवास ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।