Civil Court News
CBI: व्यापम घोटाले के एक मामले में सात अभियुक्तों को 7-7 साल की कठोर कारावास, जुर्माना 90 हजार
CBI: सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यापम घोटाले के एक मामले में 3 उम्मीदवारों समेत सात को दोषी पाकर 7-7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी दोषियों पर 90-90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने 3 अभ्यार्थियों विवेक त्यागी, सुनील रावत व चरण सिंह सिकरवार एवं चार नकलचियों विजेंद्र सिंह रावत, हरिओम रावत, श्रीनिवास सिंघल एवं संदीप प्रसाद नायक को सजा सुनाई है।
यह सजा भोपाल के सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है। यह मामला प्रारंभ में 03 आरोपियों अर्थात 03 अभ्यर्थियों और अज्ञात बिचौलियों तथा अन्य के विरुद्ध 16.05.2015 को एफआईआर संख्या 10/2015 के तहत पुलिस थाना-एसटीएफ, भोपाल में पंजीकृत किया गया था। एसटीएफ ने 12.08.2015 को 06 आरोपियों के विरुद्ध 01 आरोप-पत्र दाखिल किया था तथा मामले की आगे की जांच अन्य आरोपियों की पहचान करने तथा उनका पता लगाने और आरोप-पत्रित आरोपियों के विरुद्ध अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के लिए खुली रखी गई थी।यह सजा भोपाल के सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है। यह मामला प्रारंभ में 03 आरोपियों अर्थात 03 अभ्यर्थियों और अज्ञात बिचौलियों तथा अन्य के विरुद्ध 16.05.2015 को एफआईआर संख्या 10/2015 के तहत पुलिस थाना-एसटीएफ, भोपाल में पंजीकृत किया गया था। एसटीएफ ने 12.08.2015 को 06 आरोपियों के विरुद्ध 01 आरोप-पत्र दाखिल किया था तथा मामले की आगे की जांच अन्य आरोपियों की पहचान करने तथा उनका पता लगाने और आरोप-पत्रित आरोपियों के विरुद्ध अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के लिए खुली रखी गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय के 09.07.2015 के आदेशों के अनुपालन में, सीबीआई द्वारा दिनांक 14.08.2015 को सभी आरोपियों के विरुद्ध आगे की जांच के लिए तत्काल मामला पुनः पंजीकृत किया गया था। अपनी जांच के दौरान, सीबीआई ने सभी फरार आरोपियों का पता लगाया तथा उनसे पूछताछ की। इसके अलावा, हस्तलेख, अंगूठे के निशान, फोटो, सीसीटीवी वीडियो रिकॉर्डिंग आदि के संबंध में विशेषज्ञ की राय सीएफएसएल, मुंबई और सीएफएसएल, नई दिल्ली से प्राप्त की गई। जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई द्वारा 31.08.2018 को पूरक आरोप पत्र दायर किया गया, जिसमें आज अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए लोगों सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के बाद, अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार उन्हें सजा सुनाई।