नागपुर: बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित बी देव ने अदालत में सुनवाई के दौरान एक चौंकाने वाला कदम उठाया। नागपुर पीठ के जस्टिस देव ने कई वकीलों की उपस्थिति में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
अदालत कक्ष में मौजूद एक वकील के अनुसार, जस्टिस देव ने कहा कि वह अपने आत्म सम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकते हैं।
इस्तीफा देने के बाद जस्टिस देव ने वकीलों से मांगी माफी
एक वकील के अनुसार जस्टिस देव ने कहा, ‘अदालत में जो भी मौजूद हैं, मैं आप सभी से माफी मांगता हूं। मैंने आपको डांटा, क्योंकि मैं चाहता हूं कि आपमें सुधार आए।
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मैं आपमें से किसी को आहत नहीं करना चाहता, क्योंकि आप सभी मेरे लिए परिवार के जैसे हैं लेकिन मुझे यह बताते हुए दुख है कि मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैं अपने आत्म सम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकता। आप लोग कठिन परिश्रम करें।’
इस्तीफा देने की घोषणा करने के बाद उन्होंने लोगों से अपने कार्यकाल के दौरान किसी को ठेस पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में बैठे न्यायमूर्ति देव ने साल 2022 में माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी कर दिया था।
बाद में न्यायमूर्ति देव ने संवाददाताओं से कहा कि व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है और अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति के पास भेजा है।
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जीएन साईबाबा को किया था बरी
पिछले साल न्यायमूर्ति देव ने माओवादियों के साथ कथित संबंध के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईंबाबा को बरी कर दिया था और कहा था कि अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत वैध मंजूरी के अभाव में सुनवाई की कार्रवाई ‘अमान्य’ है।
इस दौरान उन्होंने जीएन साईबाबा को बरी करते हुए उनपर लगे आजीवन कारावास को भी रद्द कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस फैसले को निलंबित कर दिया और हाई कोर्ट की नागपुर पीठ को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर स्थगन लगा दिया था और उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ को इस मामले पर नये सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था।
न्यायमूर्ति देव ने महाराष्ट्र सरकार के 3 जनवरी के सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के क्रियान्वयन पर स्थगन लगा दिया था।
प्रस्ताव के माध्यम से राज्य सरकार को नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे के निर्माण या क्रियान्वयन कार्य में लगे ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे लघु खनिज उत्खनन के संबंध में राजस्व विभाग की दंडात्मक कार्यवाही को रद करने का अधिकार दिया गया था।
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2017 में बने थे हाई कोर्ट के न्यायाधीश
बता दें कि जस्टिस रोहित बी देव को जून 2017 में बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने साल 2016 में महाराष्ट्र सरकार के लिए महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया था।