नशा मुक्तः रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से बाल सम्प्रेक्षण गृह, डुमरदगा में नशा उन्मूलन के लिए विधिक जागरूकता अभियान चलाया गया। किशोरों के बीच नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर यह संदेश दिया गया कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है।
डॉ. सिद्धेश्वर बक्शी ने बताया कि दवा का उपयोग उपचार के लिए किया जाता है तो जीवन रक्षक होता है। लेकिन इसी दवा का उपयोग जब लोग नशा करने के लिए करते हैं तो अपना जीवन को समाप्त कर लेते है। दवा का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से मस्तिस्क शुष्क हो जाता हैं। सोचने और समझने की क्षमता समाप्त हो जाता है। इंसान नशा की गिरफ्त में आ जाता है।
नशा से खुलते हैं नाश के द्वार
लाइफ सेवर्स एनजीओ के प्रमुख अतुल गेरा ने बताया कि नशा, नाश का द्वार है। नशे की लत व्यक्ति को सबसे पहले परिवार से दूर करती है। साथ ही अपनी बुरी आदत की वजह से पीड़ित आर्थिक तंगी की दौर से गुजरता है, जिसकी वजह से उसमें नकारात्मक भाव पैदा होते है और समय के साथ उसके करीबी मित्र भी उसका साथ छोड़ देते हैं।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरभी सिंह ने बच्चो को कहा कि यहां से बाहर निकलने के बाद आप कभी नशा का सेवन नहीं करिएगा और समाज में भी लोगो को नशा से दूर रहने का शिक्षा दीजीएगा। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि नशा के जो लोग आदि हो गए हैं और छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं उनके लिए सरकार के द्वारा नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना की गई है वहां अच्छे चिकित्सकों की निगरानी मे इलाज किया जाता है।
योग और ध्यान से रहेगा नशा दूर
मध्यस्थ और समाजसेवी पंचानन सिंह ने बताया कि नशा से दूर रहने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप ध्यान करे जिससे मन में कभी गलत विचार नहीं आएगा और आप कभी गलत दिशा में नहीं चलेंगे। इसलिए प्रतिदिन योग और ध्यान अवश्य करें और उपस्तिथि सभी लोगो को नशा नहीं करने का शपथ दिलाए।
इस कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरभि सिंह, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश, बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रियरंजन कुमार,अंशुमाला कर्ण, पीएलबी बेबी सिन्हा, विक्की कुमार चौधरी एवं जुवनाइल जस्टिस बोर्ड के कर्मचारी आदि उपस्थित थे।