Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में प्राथमिक शिक्षकों के ग्रेड चार से ग्रेड सात में प्रोन्नति देने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि ग्रेड सात में प्रोन्नति वर्ष 1993 में बनी नियमावली के तहत होगी। अदालत ने जल्द से जल्द शिक्षकों को ग्रेड सात में प्रोन्नति देने का आदेश दिया है। अदालत ने कमेटी की अनुशंसा पर अब तक सरकार की ओर से जारी पत्र और वरीयता सूची को निरस्त कर दिया है। इस संबंध में राकेश कुमार सिंह सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि कई शिक्षकों की वर्ष 2012 में ग्रेड चार पर सीधी भर्ती हुई है। जबकि इसी ग्रेड पर कई शिक्षक प्रोन्नति पाकर पहुंचे है। लेकिन सरकार ने वर्ष 1993 की प्रोन्नति नियमावली की कुछ शर्तों को शिथिल कर दिया गया।
इसमें ग्रेड चार में पांच साल तक कार्य करने की अनिवार्यता थी। लेकिन प्रोन्नति के जरिए ग्रेड चार में आने वाले शिक्षकों के लिए इसे शिथिल कर दिया, जबकि सीधी भर्ती से आने वाले शिक्षकों को इसे बढ़ाकर दस साल कर दिया गया। इसकी वजह से सीधी भर्ती वाले शिक्षक प्रोन्नति की रेस से बाहर हो गए। अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या नियमावली में कोई संशोधन किया गया है। इस पर सरकार की ओर से कमेटी की अनुशंसा पर निर्णय लेने कीू बात कहते हुए नियमावली में संशोधन से इन्कार किया। अदालत ने कहा कि जब 1993 की प्रोन्नति नियमावली लागू है, तो इसी तहत प्रोन्नति होनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने सरकार की ओर से कमेटी
की अनुशंसा के आधार पर जारी पत्र और प्रोन्नति के लिए बनी वरीयता सूची को निरस्त कर दिया।