रांचीः झारखंड में हटाए गए कंपनी कमांडर और सार्जेंट मेजर के दोबारा नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है।
अदालत ने Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है और इसमें हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है।
वर्ष 2009 में झारखंड में सब इंस्पेक्टर, कंपनी कमांडर और सार्जेंट मेजर के लिए नियुक्ति निकाली गई थी। इस दौरान सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 384 लोगों की नियुक्त कर ली गई।
इसी बीच नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत की गई। इसके बाद सरकार ने जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया। इसमें 42 नियुक्त अभ्यर्थियों को हटाया गया।
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इन सभी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई के बाद वर्ष 2017 में एकलपीठ ने इन्हें बहाल करने का आदेश सरकार को दिया। अदालत ने कहा कि इनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।
नियुक्ति प्रक्रिया में गडबड़ी से इनका कोई लेना देना नहीं है। इसलिए राज्य सरकार इन्हें तुरंत बहाल करे। लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ अपील दाखिल की।
अपील में सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को सही माना और सरकार की याचिका खारिज करते हुए इन्हें बहाल करने का आदेश दिया।
इसे बाद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को सही माना और सरकार की याचिका खारिज कर दी।