टेंडर घोटालाः टेंडर कमीशन मामले के आरोपी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम अब विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे। क्योंकि अब सत्र समाप्त होने वाला है और उनकी याचिका पर अदालत ने ईडी से जवाब मांगा है। इससे पहले आलमगीर आलम ने सत्र में शामिल होने के लिए काफी मेहनत की है।
शनिवार को ही उन्होंने सत्र में शामिल होने के लिए अदालत में आवेदन दिया था। लेकिन ईडी कोर्ट के नहीं रहने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी। फिर सोमवार को उन्होंने हाई कोर्ट में आवेदन दिया और जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन अदालत ने सुनने से इन्कार करते हुए निचली अदालत भेज दिया। ईडी इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी।
विधानसभा का विशेष सत्र 8 जुलाई को आहूत है। विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपना बहुमत साबित करेंगे। फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए आलमगीर आलम ने ईडी कोर्ट से अनुमति मांगी है। उनकी ओर से दाखिल याचिका में कई आदेश का हवाला दिया गया गया है।
कहा गया है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक ढुल्लू महतो और नलिन सोरेन सहित कई को इसकी अनुमति मिली है। बता दें कि चंपई सोरेन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी कोर्ट से अनुमति मिली थी
बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कार्य आवंटन के बाद कमीशन घोटाले के आरोप में मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके साथ उनके पीएस संजीव लाल और उसका नौकर जहांगीर आलम भी जेल में बंद है। हाल ही में ईडी ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है।