राउरकेला इस्पात संयंत्र गैस रिसाव के पीड़ितों को मुआवजा देने के एनजीटी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने राउरकेला इस्पात संयंत्र में गैस रिसाव (Gas Leak) के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों अथवा वारिसों को हर्जाने की रकम देने के निर्देश दिए गए थे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ओडिशा के फैक्टरी और ब्वॉयलर विभाग तथा अन्य को नोटिस जारी किए।
पीठ ने कहा कि नोटिस जारी करें। इसबीच नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रधान पीठ के 11 फरवरी 2021 के फैसले और अंतिम आदेश पर क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। कामगारों, जिनकी छह जनवरी 2021 में मौत हो गई थी, के आश्रित नया आदेश आने तक काम जारी रखें।
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सुप्रीम कोर्ट एनजीटी के आदेश को चुनौती देने वाली राउरकेला इस्पात संयंत्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अधिकरण ने संयंत्र में गैस रिसाव होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों अथवा वारिसों को हर्जाने की रकम देने के निर्देश दिए थे।
एनजीटी ने इसके साथ ही एक शीर्ष समिति भी गठित की थी जिसे यह सुझाव देने थे कि उद्योगों को क्या सुरक्षा कदम उठाने चाहिए। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल माधवी गोराड़िया दीवान ने कहा कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेना राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अधिकारक्षेत्र में नहीं है और इस बिन्दु पर इस न्यायालय में दो याचिकाएं लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि छह जनवरी 2021 को जिन चार कामगारों की मौत हुई थी उनमें से तीन के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि ओडिशा में सरकारी कंपनी एसएआईएल की राउरकेला इस्पात संयंत्र इकाई में जहरीली गैस का रिसाव होने से कम से कम चार मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार हो गए थे।