सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सज्जन कुमार की जमानत, कहा- इलाज के लिए ‘सुपर वीआईपी का दर्जा नहीं देंगे’

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 1984 में हुए सिख दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है। सज्जन कुमार ने मेडिकल कारणों से अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।

उनकी सेहत स्थिर होने और लगातार सुधार दिखने के चलते कोर्ट ने यह फैसला दिया है। कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि उनका इलाज सुपर वीआईपी की तरह नहीं हो सकता।

सज्जन कुमार के वकील ने कहा कि उनकी सेहत खराब है। ऐसे में मेदांता अस्पताल में वह अपने ही खर्चे पर इलाज कराना चाहते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें सुपर वीआईपी जैसा ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता। हम उन्हें जमानत नहीं दे सकते।

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इससे पहले अदालत ने 24 अगस्त को सुनवाई करते हुए सीबीआई को आदेश दिया था कि वह बताए कि सज्जन कुमार की हालत कैसी है और क्या उन्हें बाहर से इलाज कराने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में 1984 के दंगों के दोषी सज्जन कुमार ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उनकी सेहत लगातार खराब हो रही है।

ऐसे में उन्हें इलाज के लिए तत्काल अंतरिम जमानत की जरूरत है। कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख दंगों के दौरान दिल्ली के राज नगर में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा दी गई है।

75 वर्षीय सज्जन कुमार ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह दिसंबर 2018 से जेल में बंद हैं और इस दौरान उनका वजह पहले ही 8 से 10 किलोग्राम तक कम हो चुका है।दिल्ली की एक अदालत ने सज्जन कुमार को 17 दिसंबर, 2018 को 5 लोगों की हत्या का दोषी करार दिया था। उसके बाद से ही वह जेल में बंद हैं।

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