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रांचीः हाईकोर्ट ने कहा बड़ा तालाब की साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान, सभी नालों को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़े

अगली सुनवाई की तारीख 20 सितंबर निर्धारित

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रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिएस एके राय की खंडपीठ ने रांची जल स्रोतों के संरक्षण एवं रांची के तीन डैम की साफ-सफाई और उसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम से पूछा, रांची के बड़ा तालाब से फिर से बदबू आने लगी है। इसका कारण क्या है। इसके आसपास के सभी नाली के पानी को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से क्यों नहीं जोड़ा गया है? सिर्फ बड़ा तालाब के बगल की एक नाली को वॉटर ट्रीटमेंट से जोड़ने से से काम नहीं चलेगा? बड़ा तालाब के आसपास के सभी नालियों को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़कर ट्रीटमेंट होने के बाद साफ पानी को बड़ा तालाब में जाने दिया जाए, ऐसी व्यवस्था रांची नगर निगम को सुनिश्चित करनी होगी। अगली सुनवाई की तारीख 20 सितंबर निर्धारित की है।

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बड़ा तालाब में फिर से बदबू आने को गंभीरता से लेते हुए मौखिक कहा कि सरकार को बड़ा तालाब की लगातार सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए, खंडपीठ ने मामले में रांची नगर निगम एवं नगर विकास विभाग को इन बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले भी खंडपीठ को बताया गया कि गर्मी में बड़ा तालाब में बदबू आना शुरू हुआ था, इसके बाद बरसात में यह कुछ काम हुआ था। लेकिन अब फिर से बड़ा तालाब के पास बिजली घर के निकट बदबू आ रहा है, बड़ा तालाब से बदबू आने से वहां रहने वाले आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। रांची नगर निगम ने सफाई के नाम पर बड़ा तालाब में ई बॉल डालने की बात कही थी, लेकिन उसका भी कुछ असर नहीं हो रहा है। बड़ा तालाब का पानी आज भी प्रदूषित और बदबूदार है राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर के कांके डेम, धुर्वा डेम और गेतलसूद डेम में पिछले 5 साल में पानी की स्थिति को लेकर झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की ओर से सर्वे किया जा रहा है, इसके लिए उसे 38 लाख रुपए की फंडिंग भी की गई है।

जिस पर खंडपीठ ने मौखिक कहा कि इन तीनों डैम के आसपास के अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई होनी जरूरी है, क्योंकि डेम के कैचमेंट एरिया का अतिक्रमण हुआ है, जिसका असर इन तीनों डैम के पानी रिजर्व रखने की क्षमता पर पड़ा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में कभी 71 तालाब होने की बात सरकार की ओर से बताई गई थी, लेकिन इसमें से अधिकांश तालाबों का आज अस्तित्व नहीं है। सरकार बताएं कि गायब हुए तालाबों के पुनरुद्धार के लिए कोई योजना बनाई गई है? मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी।

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