Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में मंगलवार को महिला और छात्राओं की सुरक्षा मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट मंगलवार को फिर सरकार ने पेश नहीं की। सरकार ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से फिर समय की मांग की। इस पर खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जतायी और मुख्य सचिव को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका देते हुए सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की। अदालत ने कहा कि यदि इस दिन जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो सरकार पर 50 हजार का हर्जाना लगाया जाएगा। अदालत ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने भी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की अंडरटेकिंग दी थी, लेकिन अभी तक इसे कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया।
अदालत ने सरकार को छात्राओं को ले जाने वाली स्कूल बसों में एक महिला कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति, स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा था। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार के हेल्पलाइन नंबर 112 के प्रचार- प्रसार करने समेत कई निर्देश दिए थे। सरकार ने सभी निर्देशों का पालन करने की बात कही थी। सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य के छात्राओं के साथ हो रहे दुष्कर्म रोकने के लिए स्कूलों को कई निर्देश दिए गए हैं। सभी स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरा लगाने, जिस बस से लड़कियां आना – जाना करती हैं उनमें महिला कंडक्टर रखने को कहा गया है। जल्द ही सभी स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर इसे सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार को हर हाल में महिलाओं और नाबालिग बच्चों यौन उत्पीड़न रोकने के लिए पहल करनी होगी। पुलिस प्रशासन इसपर सख्त कार्रवाई करे। स्कूल बसों में लेडी टीचर रहें ताकि बच्चे सुरक्षित रहें। बस की कंडक्टर महिला हो तो और भी अच्छा रहेगा।
क्या है मामला
रिम्स की लिफ्ट में महिला डॉक्टर से छेड़छाड़, जमशेदपुर में स्कूल वैन में ड्राइवर के तीन वर्ष का छात्रा के साथ यौन शोषण तमाड़ की नाबालिग का ट्रक डाइवर द्वारा अपहरण और दुष्कर्म के मामले को हाईकोर्ट में उठाया गया है। इस संबंध में अधिवक्ता भारती कौशल ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि जनवरी से लेकर जून तक महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार दुष्कर्म और छेड़खानी की लगातार बढ़ी है। इस अवधि में 185 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रार्थी भारती कौशल ने अदालत को बताया कि स्कूलों में वैन भी चलते हैं। स्कूल प्रबंधन वैन के ड्राइवर का सत्यापन नहीं कराते। वह ड्राइवर तीन- चार साल की बच्ची के साथ गलत हरकत करता है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।