नई दिल्लीः मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने के मामले में अपनी सांसद सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब भी झुकने को तैयार नहीं हैं।
राहुल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह इस अपराध के लिए दोषी नहीं हैं। उनका दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा है कि अगर उन्हें माफी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ही ऐसा कर लिया होता।
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मोदी सरनेम मामले में राहुल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं। सु्प्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में राहुल गांधी ने कहा कि वह इस अपराध के लिए दोषी नहीं हैं।
अगर उन्हें माफी मांगनी ही होती तो बहुत पहले ही मांग लेते। मामले में शिकायतकर्ता और गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में गांधी के लिए ‘अहंकारी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। कहा कि राहुल माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।
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राहुल गांधी ने दिया हलफनामा
राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में कहा गया है कि बिना किसी गलती के माफी मांगने का कोई मतलब नहीं बनता है।
जन प्रतिनिधित्व होने के नाते उन्होंने एक रैली में ऐसा बयान दिया था। उनके खिलाफ इस मामले में जो फैसला लिया गया वह न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है।
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सुप्रीम कोर्ट के इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि 13 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने नीरज मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि सारे मोदी चोर क्यों हैं?
इस मामले में राहुल के खिलाफ गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात की एक अदालत में शिकायतवाद दायर की थी।
अदालत ने मामले में राहुल को दो साल कारावास की सजा सुनाई। जिसके बाद राहुल गांधी की सांसदी चली गई। अब पूर्णेश ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की अपील को खारिज करने की अपील की है।