रांची। विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह व रितेश सिंह के मामले में अगले सप्ताह (28 अगस्त) को हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। तकनीकी कारणों से आज इस मामले में फैसला नहीं सुनाया जा सका। अशोक सिंह हत्याकांड में हजारीबाग कोर्ट ने मार्च 2017 में प्रभुनाथ सिंह व उनके भाईयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कुछ दिनों पूर्व अदालत ने प्रभुनाथ सिंह की अपील पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में यह मामला सूचीबद्ध था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह फैसला अगले सप्ताह तक टल गया। बिहार के मशरख के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाईयों को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। सजा के खिलाफ तीनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। इससे पहले उक्त मामले में तकनीकी परेशानियों की वजह से दो बार फैसला टाल दिया गया था।
मार्च 1995 में विधायक अशोक सिंह की सरकारी आवास पर बम मारकर हत्या कर दी गई जब वह अपने आवास पर लोगों से मिल रहे थे। इस मामले में उनकी पत्नी चांदनी देवी ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाईयों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। कहा गया कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते विधायक की हत्या की गई है। क्योंकि प्रभुनाथ सिंह को हराकर अशोक सिंह विधायक बने थे। इस मामले को उनकी पत्नी चांदनी देवी के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने हजारीबाग ट्रांसफर किया गया था। निचली अदालत ने इस मामले में तीनों को मार्च 2017 को सजा सुनाई थी।