रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में आईएसएम धनबाद में समर सेमेस्टर की परीक्षा में तृतीय वर्ष की छात्र को बैठने की अनुमति नहीं देने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए आईएसएम धनबाद को दो सप्ताह में निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ शेखर ने कहा कि आईएसएम में तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए समर समेस्टर की परीक्षा होती है। कोरोना के चलते इसके लिए आईएसएस प्रबंधन ने ऑनलाइन कोर्स व परीक्षा लेने का निर्णय लिया। छात्रों ने इसके लिए आवेदन दिया और उनका रजिस्ट्रेशन भी कर दिया।
लेकिन बाद में आइएसएम प्रबंधन ने यह कहते हुए इन्हें ऑनलाइन कोर्स से मना कर दिया कि उनके सबजेक्ट में मात्र चार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि नियमानुसार पांच छात्र होने चाहिए। इसके बाद अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि आईएसएम धनबाद बहुत ही उच्च श्रेणी की संस्था है।
छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आईएसएम धनबाद प्रशासन सकारात्मक निर्णय ले और उसे कोर्ट को अवगत कराए।
गौरतलब है कि आईएसएम धनबाद में छात्रों की एक विशेष परीक्षा ली जाती है जिसे समर सेमेस्टर परीक्षा कहा जाता है। इसमें तृतीय वर्ष और चतुर्थ वर्ष यानी फाइनल ईयर के छात्र शामिल होते हैं। इस बार आईएसएम धनबाद सिर्फ फाइनल ईयर के छात्र के लिए ही यह परीक्षा आयोजित कर रहा है।
इसी आदेश को वादी अभिजीत खत्री ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।