HC ने कोल्हान विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर लगाई रोक

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में कोल्हान यूनिवर्सिटी में संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार की ओर से की जा रही नियुक्ति पर रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से इस मामले में जवाब मांगा है। मामले अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में कोल्हान विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय और विनोद बिहारी कोयलांचल विश्वविद्यालय में संविदा के आधार पर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की नियुक्ति की थी। क्योंकि रेगुलर नियुक्ति नहीं की जा सकती थी। हर साल प्रदर्शन के आधार पर इनके कॉन्ट्रैक्ट का रिन्यूअल होता था।

लेकिन राज्य सरकार ने तीनों विश्वविद्यालयों में संविदा पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला। इसमें कहा कि वर्ष 2017-18 में संविदा पर नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसर की अवधि 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही है।

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अब उनकी जगह नई नियुक्ति की जाएगी। नए विज्ञापन में पहले से काम करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर भी आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता विकास कुमार ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट एक आदेश में कहा हैं कि संविदा की जगह रेगुलर नियुक्ति होनी चाहिए अगर विशेष परिस्थितियों में संविदा पर नियुक्ति की जाती है तो दोबारा उसी पद पर संविदा से होने वाली नियुक्ति से भरा नहीं किया जा सकता।

प्रार्थी की दलील से सहमत होते हुए अदालत ने कोल्हान यूनिवर्सिटी में होने वाले नियुक्ति पर रोक लगा दिया है। बिनोवा भावे यूनिवर्सिटी और विनोद बिहारी कोयलांचल यूनिवर्सिटी का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है।

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