Ranchi: Festivals and Reopen Religious Places झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में कोरोना संक्रमण के मामले में स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारी पर रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने सरकार पूछा है कि तीसरी लहर कब तक आने की आशंका है। उस समय कैसी स्थिति हो सकती है। इसके लिए कितना आधारभूत संरचना तैयार कर ली गई है। इस मामले में विस्तृत जवाब 16 सितंबर तक राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करना है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अब त्योहार आने वाले हैं। दुर्गापूजा, दिवाली, छठ के दौरान किस तरह सरकार स्थिति का सामना करेगी। क्या इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किया जा रहा है। त्यौहारों में नियमों का पालन कराने के लिए सरकार ने क्या योजना तैयार की है।
धार्मिक स्थलों को खोलने के मामले पर सरकार अभी क्या सोच रही है। अदालत ने कहा कि मंदिरों को खोलने के लिए सरकार निर्णय लेने को स्वतंत्र है। इसमें अदालत कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। अदालत ने इसमें से बाबा धाम को अलग कर दिया, क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
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अदालत ने कहा कि स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन की मांग पर न्याय का मंदिर यानी कोर्ट खुल गया है, तो राज्य में मंदिर कब तक खुलेंगे। दरअसल, अदालत ने कोरोना संक्रमण के पहले चरण में ही मामले के बढ़ने के दौरान स्वत: संज्ञान लिया था और इसके बाद से लगातार इस मामले पर सुनवाई हो रही है।
सरकार की ओर से बताया गया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी तैयारी की जा रही है। अस्पतालों में आधारभूत संरचना तैयार किया गया है। शिशु वार्ड को भी पूरी तरह तैयार किया जा रहा है। पारा मेडिकल कर्मियों और नर्सों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है।
अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड लगाए गए हैं। सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बनाए गए हैं। टीकाकरण और कोरोना जांच की रफ्तार भी बढ़ी है। इस पर अदालत ने अगले सप्ताह शपथपत्र के माध्यम से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।