high court news

नक्सली वारदात बढ़ने से हाईकोर्ट चिंतितः कहा- सिर्फ इनकाउंटर से नहीं, बल्कि विकास से दूर होगी समस्या

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ranchi: Naxalite incident झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में नक्सली घटनाएं बढ़ने को गंभीरता से लिया है और राज्य के पुलिस महानिदेशक को 16 सितंबर को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने डीजीपी पूछा है किराज्य में नक्सली वारदात क्यों बढ़ रही है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में चल रही है।

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पिछले कुछ सालों में नक्सली वारदात में कमी आई थी। लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष में वारदात बढ़ी हैं। यह अच्छा संकेत नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार की नीति में कोई बदलाव किया गया है?। अदालत ने कहा कि सिर्फ इनकाउंटर से ही नक्सलवाद को नहीं रोका जा सकता है। इसके लिए सुदूर इलाकों में विकास पहुंचाना होगा।

उन्हें भी ऐसा लगे की सरकार उनके बारे में सोच रही है और उनमें बदलाव हो। अदालत ने कहा कि राज्य की नीति पुरानी है। इसमें है कि कई हत्या करने आओ हम माफ कर देगें। सरकार को इससे निपटने के लिए सख्त होना चाहिए। लेकिन इसके साथ ही सरकार को उन इलाकों में विकास करना चाहिए ताकि लोगों को काम मिले और वे इसका विरोध कर सकें।

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। सरकार इनका सही तरीके इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। पर्यटन स्थलों के लिए सड़कें अच्छी बनाई गई हैं। लेकिन को पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए सरकार को और अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि पर्यटन स्थल पर लोगों का आवागमन बढ़े। नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित और कम कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने पूछा- त्यौहारों व धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर क्या तैयारी कर रही सरकार

भूख से मौत को रोकने का रोड मैप तैयार करे सरकार

झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से भूख से मौत न हो और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ जरूरमंदों तक पहुंचाने के लिए कार्ययोजना मांगी है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने दो सप्ताह में कार्ययोजना की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया है। स्वत: संज्ञान के मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने झालसा (झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार) की रिपोर्ट की जानकारी देते हुए सरकार से कहा था कि राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। राशन के लिए लोगों को आठ किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। स्वास्थ्य की सुविधा भी नहीं मिल रही है और स्वच्छ पेयजल भी नहीं मिल रहा है।

सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए समाज कल्याण सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया था। कोर्ट के आदेश पर समाज कल्याण सचिव अदालत में हाजिर हुए, लेकिन सरकार ने विस्तृत जानकारी देने के लिए समय देने का आग्रह किया। हाई कोर्ट ने आग्रह स्वीकार करते हुए दो सप्ताह में पूरी कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया।

इस दौरान सचिव ने कहा कि योजनाओं के लिए कई अन्य विभागों के सहयोग की जरूरत पड़ती है। इस पर अदालत ने कहा कि वे पूरी कार्ययोजना तैयार करें और इस बात का भी जिक्र किया जाए कि किन विभागों के समन्वय से योजना का लाभुकों तक सही पहुंच पाए। ताकि अदालत इसको लेकर उचित आदेश पारित कर सकें। राज्य में दो साल पहले भूख से मौत की खबरें मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और मामले की सुनवाई कर रहा है।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker