भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, संजय सेठ समेत 27 को हाईकोर्ट से मिली राहत 27 अगस्त तक बरकरार रहेगी। वर्ष 2023 में सचिवालय मार्च के दौरान इन नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। प्राथमिकी रद्द कराने के लिए सभी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया गया। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने सुनवाई 12 अगस्त को निर्धारित की और पूर्व में इनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश बरकरार रखा।
भाजपा की ओर से बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज भी किया था। सचिवालय तक मार्च पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में शुरू हुआ था। पुलिस के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बोतलें और पत्थर फेंके, जिससे कुछ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हो गए थे। भाजपा कार्यकर्ताओ ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे और प्राथमिकी दर्ज की थी।