झारखंड हाईकोर्ट ने रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर सोमवार को फिर एक बार नाराजगी जतायी और कहा कि शहर में ई रिक्शा बेलगाम हो गयी है। कोर्ट के निर्देश का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने मौखिक कहा कि 15 अगस्त के पूर्व रांची में चलने वाले अवैध ई रिक्शा पर पूरी तरह रोक लगाएं। जाम की स्थिति को देखते हुए ई रिक्शा के निबंधन पर रोक भी लगायी जा सकती है। अदालत ने ट्रै्फिक एसपी को छह अगस्त को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देने का निर्देश भी दिया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक कहा कि रांची में ई रिक्शा पर ट्रैफिक पुलिस और रांची नगर निगम का कोई नियंत्रण नहीं है। हर तरफ अवैध ई रिक्शा चल रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई के नाम पर ई रिक्शा जब्त करती है और फिर रांची नगर निगम के भरोसे छोड़ देती है। निगम जुर्माना लगा कर फिर सड़क पर चलने के लिए छोड़ देता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि रांची में अवैध रूप से चलने वाले ई रिक्शा पर रोकथाम सुनिश्चित करें।
इसके पूर्व कोर्ट को बताया गया कि की शहर में 4 हजार से ज्यादा ई रिक्शा चल रहे हैं। यह लोग वैसे रूट पर भी चल रहे हैं जो इनके लिए निर्धारित नहीं है। इसे रांची शहर में जाम की समस्या प्रतिदिन देखने को मिल रही है।