रामगढ़ में भगवान राधाकृष्ण मठ की 11.5 एकड़ जमीन घोटालाः HC ने सीबीआई और ईडी से मांगा जवाब
रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में रामगढ़ जिले के राधाकृष्ण मठ की जमीन को फर्जी तरीके से जमीन माफिया को स्थानांतरित करने पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
अदालत ने प्रार्थी कुमारी प्रीति की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों को नोटिस जारी किया। अदालत ने तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की।
रामगढ़ के कुंद्रू खुर्द मौजा में स्थित राधाकृष्ण मठ की जमीन को गलत तरीके से जमीन माफिया को हस्तांतरित कर दिया गया है। प्रार्थी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
रामगढ़ के कुमारी प्रीति द्वारा दायर क्रिमनल रिट याचिका में अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार,सीबीआई और ईडी से तीन सप्ताह में जवाब देने के साथ मामले की अगली सुनवाई 28 को अगस्त को निर्धारित कर दिया है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने जब कोर्ट को यह बताया कि जमीन हड़पने और कब्जा करने के लिए रामगढ़ में सीनियर अधिकारियों और भूमाफियाओं के सांठगांठ से जमीन कब्जा का मामला गंभीर है। रामगढ़ में जमीन हड़पने का विरोध करने वालों पर पुलिस भी फर्जी केस कर अवैध तरीके से उठा कर टॉर्चर कर रही है।
राधाकृष्ण मठ की 11.5 एकड़ जमीन हड़पने का खुलासा
प्रार्थी के अधिवक्ता नवीन सिंह ने ने बताया कि रामगढ़ जिले के कुंदरु खुर्द में भगवान राधकृष्ण के नाम एक मठ है। वहां लगे शिलापट में उसकी स्थापना सन 1956 में किए जाने का उल्लेख है। 18 फरवरी 2020 को रामगढ़ अंचलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है।
जिसमें कहा कुंदरु खुर्द के खाता संख्या 77 प्लॉट संख्या 1523,1524 वगैरह कुल 35 प्लॉट, कुल रकबा 17.18 एकड़ जमीन जो खतियान के अनुसार मुरली साव वगैरह के नाम दर्ज है । जिसका चालू पंजी संख्या दो के पेज/भाग संख्या 93/1 में बाढ़ो साई वो त्रिभुवन साई वो जलेश्वर साई पेशरान भीखू साव के नाम खाता संख्या 77 कुल रखवा 17.18 एकड़ जमाबंदी दर्ज दिखाया गया है।
पंजी दो के अवलोकन से प्रतीत होता है कि मूल पृष्ठ को बदलकर नया पृष्ठ जोड़ा गया है । लगाना निर्गत बही ( 111A ) से जांच करने पर पता चला कि रसीद संख्या 3877339 वर्ष 2004-2005 एवं रसीद संख्या 6745459 वर्ष 2012-2013 खाता संख्या 77 राधकृष्ण वगैरह के नाम से निर्गत किया गया है।
उक्त भूमि के राजस्व उपनिरिक्षण एवं अधोहस्ताक्षरी के द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों एवं वहां कार्य करवा रहे मौजूद व्यक्तियों से पुछताक्ष में बताया गया कि संबंधित भूमि शुरू से ही राधाकृष्ण मठ के नाम से है।
हर वर्ष इससे उपज फसल राधाकृष्ण मठ के सेवार्थ लगाया जाता है। रिपोर्ट में उक्त आरोपों से सम्बंधित वर्ष 2018 में मुख्य मंत्री जंसनवाद में ग्रामीणों द्वारा किए गए शिकायत का उल्लेख है।
आपत्ति के बावजूद तत्कालीन डीसी ने म्यूटेशन का दिया आदेश
रामगढ़ जिले के कुन्दर खुर्द स्तिथ भगवान राधाकृष्ण मठ के नाम जमीन के मूल पंजी दो के रिकॉर्ड का पन्ना 93/1 को बदलकर बाढ़ो साई वगैरह नाम जमाबंदी दिखाए जाने के बाद जमशेदपुर के सोनारी के रहने वाले अंकित पोद्दार, शरद पोद्दार और मोहित पोद्दार तीनो के पिता पवन पोद्दार के नाम कुल 11 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री दो अलग-अलग डीड में माध्यम से हो गया।
वर्ष 2020-21 में दोनों डीड का म्यूटेशन आवेदन को तत्कालीन अंचलाधिकारी ने 18 फरवरी 2020 को रामगढ़ अंचलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को भेजे रिपोर्ट के अनुसार कुंदरु खुर्द के खाता संख्या 77 प्लॉट संख्या 1523,1524 वगैरह कुल 35 प्लॉट, कुल रकबा 17.18 एकड़ जमीन जो खतियान के अनुसार मुरली साव वगैरह के नाम दर्ज है ।
जिसका चालू पंजी संख्या दो के पेज/भाग संख्या 93/1 में बाढ़ो साई वो त्रिभुवन साई वो जलेश्वर साई पेशरान भीखू साव के नाम खाता संख्या 77 कुल रखवा 17.18 एकड़ जमाबंदी दर्ज दिखाए जाने और
बाढ़ो साई वो त्रिभुवन साई वो जलेश्वर साई पेशरान भीखू साव के नाम जमाबंदी कायम दिखाने का कोई आधार नही होने के कारण संदेहास्पद जमाबंदी मानते हुए म्यूटेशन आवेदन खारिज कर दिया।
अगस्त 2022 में भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने भी म्यूटेशन अपील आवेदन खारिज कर दिया। लेकिन तत्कालीन उपायुक्त ने अंचलाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता के आपत्तियों को दरकिनार कर उनके आपत्तियों को बिना जांच करवाए म्यूटेशन का आदेश दे दिया।
हालांकि इसके पूर्व उपायुक्त और अवर निबंधक को भी पंजी दो को बदलकर नया पन्ना जोड़ने की रिपोर्ट के साथ जमीन रजिस्ट्री नही किए जाने का आवेदन दिया गया था लेकिन बिना जांच के एक सप्ताह के अंदर जमीन रजिस्ट्री कर दिया गया था।
शिकायतकर्ता को पुलिस द्वारा उठाने का फुटेज कोर्ट में पेश
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नवीन सिंह ने बताया कि याचिकाकर्ता कुमारी प्रीति के पति को रामगढ़ जिले के कुजु थाना प्रभारी विनय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन कर सादे ड्रेस में निजी गाड़ी से रांची से उनकी बहन के घर से गलत नियत से उठा लिया था।
इस दौरान जमीन के कागजात छीनने का प्रयास किया गया। जबकि शिकायतकर्ता के खिलाफ उस समय न कोई वारंट था न गिरफ्तारी के नियम पूरे किए गए थे। उठाने के बाद उनको टॉर्चर किया गया और धमकी दी गई।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद दूसरे दिन रामगढ़ थाना के केस में गिरफ्तारी दिखाया गया और कोर्ट में पेश किया गया। जिस केस में गिरफ्तारी दिखाया गया उसकी भी प्रक्रिया पूरी नही की गई थी,जिसके कारण कोर्ट ने जमानत दे दिया।
अधिवक्ता ने बताया कि पूरे प्रकरण में पुलिस की गलत नियत और वरीय अधिकारियों की भूमिका है । कोर्ट ने इस घटना का वीडियो फुटेज लेते हुए रिकॉर्ड में रख लिया और सरकार को एक कॉपी उपलब्ध कर जवाब तलब किया।