High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि अब तक इस पर रोक के लिए क्या-क्या कदम उठाएं गए है। अब तक क्या कार्रवाई की गई है। इस मामले में सरकार से जवाब मांगा गया है। मामले की सुनवाई एक सप्ताह होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा बीआर सारंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है और आगे इसको रोकने को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे।
अदालत ने कहा कि इस मामले में जनता से ही शिकायत करने को क्यों कहा जा रहा है। जब इसको लेकर पूर्व से नियम है और कोर्ट ने भी आदेश दिया है, तो इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना सरकार का दायित्व है। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अदालत के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण होने पर शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 112 जारी किया है इस नंबर पर ध्वनि प्रदूषण संबंधी समस्या की शिकायत करने से तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान रांची के डीएसपी उपस्थित हुए। अदालत ने उनसे पूछा कि ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए क्या कार्रवाई का जा रही है। रात दस बजे के बाद बारात और लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति कैसे दी जाती है। इसपर उनकी ओर सेजवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई।
इस संबंध में सिविल सोसाइटी की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। उनकी ओर से अधिवक्ता खुशबू काटारुका ने अदालत को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी रात दस बजे के बाद बारात निकाली जाती है। रिहाईशी इलाकों में रात में ही तेज ध्वनि से लाउडस्पीकर बजाया जाता है, इससे लोगों को परेशानी होती है। सरकार को कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन कराना चाहिए, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सके।