Ranchi: Encroachment on Hinoo river झारखंड हाईकोर्ट ने हिनू नदी की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए चारदीवारी को तोड़े जाने के बाद फिर से बना देने पर कड़ी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि जब रांची नगर निगम ने जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण कर बनाई गई चारदिवारी को तोड़ दिया था, तो रातों-रात फिर उसे कैसे बना दिया गया।
इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जिला प्रशासन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को अतिक्रमण मुक्त कराने के अभियान के दौरान तत्काल हटा देती है। लेकिन बड़े लोगों का नाम आते ही काम धीमा हो जाता है।
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अदालत ने कहा कि गरीबों के लिए राज्य सरकार के पास कोई हमदर्दी नहीं हैं लेकिन लगता है कि बड़े लोगों के प्रति ज्यादा हमदर्दी है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि इस मामले में किसी को बचाने के लिए सरकार लगातार अपना पक्ष बदल रही है। इसके बाद अदालत ने प्लॉट संख्या 442, 443 और 430 से संबंधित सारे रिकॉर्ड कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस बात को लेकर आश्चर्य जताया कि पुलिस के रहते रात में चारदिवारी कैसे बना दी गई।
निजी वाहन पर नेम प्लेट लगाने के मामले में परिवहन सचिव तलब
झारखंड हाईकोर्ट में निजी वाहनों में नेम प्लेट लगाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से समय की मांग की गई। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। लेकिन अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव को अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया है। इस संबंध में गजाला तनवीर की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में नियमों के खिलाफ निजी वाहनों में भी नेम प्लेट का उपयोग किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।