Ranchi: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के गवाह प्रकाश चंद्र यादव ऊर्फ मुंगेरी यादव पर लगे सीसीए को रद करते हुए तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने मुंगेरी यादव को देर शाम जेल से रिहा कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि प्रार्थी पर सीसीए एक्ट लागू करने में नियमों का पालन नहीं किया गया जिस कारण इसे वैध नहीं माना जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे मुंगेरी यादव
झारखंड हाई कोर्ट ने मुंगेरी यादव की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद प्रार्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुंगेरी को ईडी ने एक हजार करोड़ के अवैध खनन मामले में ईडी का गवाह है। वह साहिबगंज जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि झारखंड हाई कोर्ट ने प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदुओं पर गौर नहीं किया है। कहा कि कोर्ट ने प्रार्थी की अपील को स्वीकार करते हुए न्यायिक हिरासत को अवैध बताया है। इसको लेकर विस्तृत आदेश भी परित किया गया है।
चूंकि प्रार्थी की निजी स्वतंत्रता दाव पर लगी है। इसलिए अदालत उसे तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश पारित करती है। इसके जिला प्रशासन को कोर्ट के आदेश की सत्यापित प्रति या फिर विस्तृत आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी ने कहा है कि झारखंड सरकार ने सीसीए लागू करने के मामले में नियमों का पालन नहीं किया। सरकार ने इस मामले को राज्य सलहाकार समिति को भेज दिया था और समिति को गलत जानकारी दी थी।
बता दें कि मुंगेरी यादव की गिरफ्तारी राजमहल थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में 29 जुलाई 2022 को हुई थी। साहिबगंज पुलिस ने रांची एयरपोर्ट के पास से उसकी गिरफ्तारी की थी।
इसके अलावा 11 मार्च 2022 को रंजीत चौधरी नाम के व्यक्ति की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में भी पुलिस कार्रवाई ने कार्रवाई की थी। इसमें कहा गया था कि 10 मार्च को समदाघाट से मनिहारी के लिए खुले मालवाहक फेरी सेवा पर रामपुर के पास गोलीबारी की गई थी।
चौधरी ने इसमें मुंगेरी यादव समेत 18 नामजद और 20-25 अज्ञात को आरोपी बनाया थ। ईडी के गवाह और साहिबगंज के चर्चित पत्थर व्यवसायी मुंगेरी यादव के खिलाफ 12 अगस्त 2022 को सीसीए लगा था। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया था।
आठ अगस्त 2022 को ही मुंगेरी यादव के खिलाफ सीसीए लगाने का प्रस्ताव उपायुक्त रामनिवास यादव ने गृह विभाग को भेजा था, 12 अगस्त को विभाग ने उसका अनुमोदन कर दिया।