Ranchi: हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने कहा कि अगर कार्य स्थल पर किसी महिला के साथ अभद्रता होती है, तो उसका दायित्व बनता है कि वह इसके खिलाफ लिखित शिकायत करें। इसके लिए हाईकोर्ट में एक कमेटी बनाई गई है। जहां पर शिकायत की निगरानी की जाती है और उचित कार्रवाई भी की जाती है। महिलाएं अपने साथ हुई अभद्रता के खिलाफ शिकायत करती हैं, तो इस तरह के मामलों को रोका जा सकता है। जस्टिस अनुभा रावत चौधरी हाईकोर्ट परिसर में लैंगिक संवेदनशीलता पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सम्मान के साथ रहने का अधिकार है।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज प्रसाद ने कहा कि हाईकोर्ट में कमेटी में आने वाली शिकायतों का उचित निस्तारण करती है। वकील और कर्मचारी के अलावा हाईकोर्ट परिसर में अगर किसी मुवक्किल के साथ अभद्रता होती है, तो वह शिकायत कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को समानता चाहिए तो ऐसी घटना के खिलाफ आवाज उठानी होगी। ऐसे करने से थोड़ी दिक्कत जरूर हो सकती है, लेकिन अपने अधिकार के लिए ऐसा करना होगा, जैसे दिया को रोशनी करने के लिए जलना पड़ता है।
कमेटी की सदस्य सचिव तन्वी ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार कार्यस्थल पर 53 महिलाएं अभद्रता का शिकार होती हैं। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट कमेटी के पास दो मामले आए थे। एक हाई कोर्ट के कर्मियों से जुड़ा था, जिसको अलग-अलग सेक्शन में भेज दिया गया। दूसरा मामले दिल्ली के एक वकील के खिलाफ था, जिन्हें एक साल के लिए हाई कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस दौरान वरीय अधिवक्ता पीपीएन राय, अमित कुमार दास, डा. राजश्री वर्मा, वकील, कर्मचारी और पुलिस कर्मी भी मौजूद थे।