Dismissal: हाईकोर्ट ने पुलिस जवान को बर्खास्त करने का आदेश किया खारिज, कहा- दोबारा नौकरी में करें बहाल

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने बिना सूचना दिए दो दिनों तक ड्यूटी से गायब होने वाले पुलिसकर्मी को बर्खास्त (Dismissal) करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने माना कि पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाना गलत है। इसके बाद अदालत ने तत्काल पुलिस जवान को दोबारा बहाल करने का आदेश दिया है।

इस संबंध में धनबाद जिले में पदस्थापित रंजीत कुमार की ओर से हाईकोर्ट में बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि इस मामले में पुलिस जवान बर्खास्त करने का आदेश बिल्कुल गलत है।

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उन्होंने कहा कि पुलिस जवाब को दिए गए चार्जशीट पूरी तरह से तथ्यविहीन है। इस कहा गया है कि वह वरीय अधिकारियों के साथ गाली-गलौच करता था। ऐसा उसने कब किया इसकी सूचना नहीं है। वह दो दिनों तक बिना सूचना के गायब रहा, वहीं यह शराब के नशे में रहता था। अगर ऐसा था तो उसकी मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई थी। मात्र दो दिन गायब रहने पर बर्खास्त नहीं किया जा सकता है।

इस मामले में वर्ष 2009 में उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया था। जबकि उसके खिलाफ लगाए आरोप पूरी तरह से सही नहीं पाए गए थे। मेडिकल जांच रिपोर्ट नहीं होने की वजह से उसे नशे में रहने और गाली-गलौच करने की बात भी साबित नहीं हुई थी।

सुनवाई के बाद अदालत ने वर्ष 2010 से बर्खास्त किए गए पुलिस जवान रंजीत कुमार को तत्काल नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा बर्खास्तगी को बहाल रखने के आदेश को भी निरस्त कर दिया है।

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