कोर्टः रिश्वत लेने के आरोप से खनन पदाधिकारी एवं निरीक्षक 22 साल बाद बरी, सेवानिवृत्ति के बाद मिली बड़ी राहत
कोर्टः रिश्वत लेने से जुड़े 22 साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने ट्रायल फेस कर रहे चाईबासा जिले के तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह एवं खनन निरीक्षक दिलीप कुमार तांती को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह फैसला चाईबासा के एसीबी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को सुनाई है। अदालत ने पाया कि दोनों के ऊपर लगे आरोपों को अभियोजन पक्ष साबित करने में नाकाम रहा। अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह महाराणा ने बताया कि दोनों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) ने क्रमशः 10 हजार व 5 हजार रिश्वत लेते 14 मार्च 2002 को लेते गिरफ्तार किया था।
यह रिश्वत परिवादी हरेकृष्ण नामक व्यक्ति से क्रेशर मशीन का लाइसेंस निर्गत करने के एवज में ले रहा था। मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह महाराणा ने बहस की थी। साथ ही एसीबी की ओर से प्रस्तुत किए गए नौ गवाहों का प्रति-परीक्षण किया था। पूर्व में यह मामला रांची एसीबी कोर्ट में चल रहा था। यहां रहते मामले में 7 गवाहों को एसीबी ने प्रस्तुत किया था। बता दें कि बरी किये गए दोनों पदाधिकारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।