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बाल भिक्षावृत्तिः हाईकोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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New Delhi: Child begging दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी और उसके आसपास बाल भिक्षावृत्ति को रोकने और उन बच्चों के पुनर्वास करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर), केंद्र सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बच्चों से भीख मंगवाने के लिए माफिया सक्रिय है और बच्चों के शोषण के अलावा युवतियों का भी यौन शोषण भी किया जा रहा है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस अमित बंसल की पीठ ने मामले में डीसीपीसीआर और केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग और दिल्ली के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारत की है।

अधिवक्ता अजय गौतम ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 में तय प्रावधानों को सख्ती से लागू करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों से भीख मंगवाने के लिए माफिया सक्रिय है और वह भीख मांगने के लिए मासूम बच्चों का अपहरण, ट्रेन में अपहरण कर उनको प्रताड़ित कर भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं।

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इसे रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि माफिया युवतियों को भी भीख मांगने के लिए मजबूर करने के अलावा उनका यौन शोषण कर रहा है। उन्होंने कहा राजधानी की हर लालबत्ती, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों, स्कूल कॉलेजों, मार्केट इत्यादि में बच्चों व युवतियों को भीख मांगते हुए देखा जा सकता है। माफिया बच्चों के प्रति आम लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर ऐसा करता है।

वादी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के नजदीक पुराना किला, इंडिया गेट के आसपास भी भीख मांगने वालों को देखा जा सकता है। वादी ने अदालत से सभी संबंधित विभागों को भीख मांगने वाले बेसहारा बच्चों की पहचान कर उनके पुनर्वास का निर्देश देने की मांग की है। इसके अलावा सभी थानों के एसएचओ को निर्देश देने की मांग की है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में बच्चों की भीख मांगने से रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।

इस संबंध में एक बीट अधिकारी या डिवीजन अधिकारी की नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कोई बच्चा स्वयं अपनी इच्छा से भीख नहीं मांगता है। उन्होंने कहा सहानुभूति हासिल करने के लिए छोटे बच्चों को जानबूझकर चोट पहुंचाई जाती है। वहीं सर्दियों में देखा जाता है कि युवतियां सहानुभूति हासिल करने के लिए बिना कपड़ों के बच्चों को लेकर भीख मांगती हैं। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि सहानुभूति हासिल करने के लिए माफिया और ये लड़कियां उन छोटे बच्चों को नशीली दवा देती हैं। हालांकि इससे 9 से 12 महीने के बच्चों का जीवन खतरे में पड़ता है।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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