Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक (Principal) और उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक का कैडर एक ही है। किसी अध्यापक द्वारा अपने स्थानांतरण आवेदन में हेड मास्टर प्राथमिक विद्यालय की जगह सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक भर देने मात्र से उसका स्थानांतरण निरस्त कर देना उचित नहीं है।
कोर्ट ने एटा से आगरा स्थानांतरित की गई सहायक अध्यापिका का स्थानांतरण निरस्त करने के बीएसए आगरा के आदेश पर रोक लगा दी है तथा प्रदेश सरकार व परिषद से जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने सहायक अध्यापिका सुनीता रानी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।
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प्रार्थी के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि प्रार्थी एटा में प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका थी। 2018 में विद्यालय संविलियन में शामिल कर लिया गया। लिहाजा अपना प्रभार अपर प्राथमिक विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक को सौंप दिया और अपर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका हो गई। प्रार्थी ने अंतर्जनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।
अपने आवेदन में हेड मास्टर प्राथमिक विद्यालय की जगह सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय लिख दिया। प्रार्थी का स्थानांतरण आगरा के लिए हो गया और कार्यभार संभाल लिया। 20 मई को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसका स्थानांतरण रद करते हुए वापस एटा भेज दिया।
अधिवक्ता की दलील थी कि संविलियन में शामिल होने के बाद दोनों विद्यालय एक हो गए हैं और प्राथमिक विद्यालय की हेड मास्टर और उच्च प्राथमिक विद्यालय कि सहायक अध्यापिका के पद व कैडर समान है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि दोनों पदों के कैडर एक ही है। कोर्ट ने बीएसए आगरा के 20 मई के आदेश पर रोक लगाते हुए जवाब तलब किया है।