रांचीः रांची सिविल कोर्ट से गायब कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली से जुड़े केस का रिकॉर्ड मिल गया। पिछले 20 सालों से यह रिकॉर्ड गायब था। लेकिन जब हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड नहीं मिलने पर जांच का आदेश दिया, तो रिकॉर्ड खोजने में तेजी शुरू हुई।
इस मामल में हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीके राय की वन मैन कमेटी बनाकर इसकी जांच कर दो माह में रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को पेश करने का निर्देश दिया था।
रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त को रिकॉर्ड गायब होने की प्राथमिकी दर्ज करा हाईकोर्ट को सूचित करने का भी निर्देश दिया गया था। इसके बाद कोतवाली थाने में बीते 20 जनवरी को एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
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सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार मनीष कुमार सिंह की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया है कि सिविल कोर्ट से सुरेंद्र बंगाली के खिलाफ चल रहे अपराधिक मुकदमे से संबंधित रिकॉर्ड गायब हो गए हैं। अब पुलिस इस गायब रिकॉर्ड से जुड़े तथ्य खंगालेगी कि आखिर किस कर्मचारी की लापरवाही से इतने दिनों तक रिकॉर्ड गायब रहा।
जेल में बंद रांची के कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली ने वर्ष 2014 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया था कि डोरंडा थाना से संबंधित एक मामला (77/1987) निचली अदालत में लंबित है। वर्ष 1999 में निचली अदालत ने इस केस को रिमांड किया और संज्ञान भी लिया था लेकिन इसपर अभी तक सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि निचली अदालत में केस का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा था।
इस पर हाईकोर्ट ने 26 अक्टूबर 2015 को न्यायायुक्त से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन तय तिथि तक निचली अदालत से कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गई थी। हाईकोर्ट ने लगातार निचली अदालत को रिपोर्ट देने का रिमाइंडर दिया जाता रहा, लेकिन निचली अदालत से रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी।