रांचीः अधिवक्ता परिषद झारखंड द्वारा आयोजित 32वां स्थापना दिवस सह प्रांतीय अधिवक्ता सम्मेलन का आयोजन 16 सितंबर को रांची विश्वविद्यालय के प्रांगण स्थित आर्यभट्ट सभागार में किया गया। इस अवसर पर झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन ने कहा कि एक अधिवक्ता वैसा व्यक्ति होता है जो किसी भी व्यक्ति के आंतरिक गुणों एवम अवगुणों के बारे में उसको बता सकता है। वह कानून का जानकार होने की वजह से वो किसी भी आम आदमी के सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। इस सामाजिक कार्यों में अधिवक्ता परिषद के अधिवक्ताओं का समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। परिषद ने समाज के लिए वो कार्य किया है जो एक आम व्यक्ति के लिए समझना भी मुश्किल है।
वहीं वहीं विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विधिज्ञ परिषद एवम राज्य सभा सदस्य मनन मिश्र (नई दिल्ली) ने कहा कि अधिवक्ता परिषद ऐसे परिपक्व अधिवक्ताओं का विश्व के सभी जगहों पर स्थित अधिवक्ता समूह है जो कि समाज के विकट परिस्थितियों में भी अपनी अहम भूमिका से समाज के मार्ग दर्शक का कार्य करते है। सम्मेलन में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्रीयुत श्रीहरि बोरीकर (नई दिल्ली) ने अपने उद्बोधन में समाज में फैल रहे कुरूतियों जैसे गेमिंग वीडियो के द्वारा धर्म परिवर्तन कराना, साइबर क्राइम करना, क्रिप्टो करेंसी और बिट कॉइन के द्वारा समाज में ठगी करना जैसी कुरीतियों कैसे रोका जाए। इस पर मंथन की आवश्यकता पर बल दिया।
वहीं परिषद के राष्ट्रीय सचिव सह अपर महाधिवक्ता मध्य प्रदेश दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि अधिवक्ता परिषद समाज के लिए श्रेष्ठ अधिवक्ताओं के द्वारा नीचे तबके लोगों को भी न्याय दिलाने का कार्य करती है। सबसे विशेष बात यह है कि अधिवक्ता परिषद अपने बैनर तले कभी भी चुनाव नही लड़ती है। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार मिश्र, झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री सुनील कुमार ने सम्मेलन को संबोधित किया। संचालन प्रदेश महामंत्री विजय नाथ कुंवर, धन्यवाद ज्ञापन बार काउंसिल के सदस्य प्रशांत कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में स्टेट बार काउंसिल के सदस्य संजय कुमार विद्रोही, सदस्य राधेश्याम गोस्वामी समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।
वही दूसरे सत्र मे पंथनिरपेक्ष नागरिक संहिता पर विशेष चर्चा की गई जिसमे विषय प्रवेश प्रशांत विद्यार्थी, सदस्य राष्ट्रीय परिषद के द्वारा कराया गया एवम इस विषय पर माननीय अतिथि दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि सिर्फ भारत में ही अलग अलग वर्ग के लिए अलग अलग कानून है वहीं मनन मिश्र ने कहा कि पंथनिर्पेक्ष नागरिक संहिता से ही सभी तबके के कानून में उपस्थित कुरीतियों को खत्म किया जा सकता है l सत्र में वरीय अधिवक्ता आरo एनo सहाय, श्रीमती बीo कामेश्वरि, संतोष पाण्डेय, पवन कुमार पाठक मंचासीन थे l दूसरे सत्र का धन्यवाद ज्ञापन झारखंड उच्च न्यायालय इकाई के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार कश्यप के द्वारा किया गया तथा दूसरे सत्र का मंच संचालन प्रदेश मंत्री नीता कृष्ण के द्वारा किया गया वहीं तीसरे सत्र में नागरिक कर्तव्य विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय प्रवेश राजकुमार शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष के द्वारा कराया गया इस अवसर पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता राकेश लाल जी के द्वारा नागरिकों का समाज के प्रति और इसमें विशेष कर अधिवक्ताओं के योगदान के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की एवम बताया कि अधिवक्ता परिषद गांव गांव में अपना नागरिक कर्तव्य निभा रही है l सत्र में गोपाल कृष्ण निताई , प्रमोद कुमार, डॉo भीम महतो, चन्द्र भूषण ओझा मंचासीन थे l
तीसरे सत्र का संचालन प्रदेश मंत्री राधाकृष्ण गुप्ता एवम धन्यवाद ज्ञापन अवनीश रंजन मिश्र ने किया l पूरे कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से मौसम की गड़बड़ी के बावजूद करीब 600 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। जिसमे मुख्य रूप से उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता राजीवा शर्मा, अजीत कुमार, राजीव सिन्हा, परिषद के प्रांत, जिला एवम प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारीगण के अलावा कई गण्यमान अधिवक्ता एवम बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ताओं ने सम्मेलन में दिए गए उद्बोधन का लाभ उठाया और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाने की प्रतिज्ञा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ l यह जानकारी झारखण्ड अधिवक्ता परिषद के प्रान्त मीडिया सह प्रमुख एवम प्रान्त आउटरीच आयाम सदस्य रीतेश कुमार बॉबी के द्वारा दी गई।