रांची: एचईसी के श्रमिक नेता दिवंगत राणा संग्राम सिंह के पुत्र ठाकुर जसवंत सिंह हत्याकांड में ट्रायल फेस कर रहा मृतक के चचेरे ससुर अमर सिंह, चचेरे भाई वंश नारायण सिंह एवं उसका पुत्र रणधीर सिंह को अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार सिंह की अदालत ने दोषी करार दिया है। जबकि एक आरोपी ओम प्रकाश उर्फ गुड्डू को अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। दोषी करार पिता-पुत्र जमानत पर था। जबकि अमर सिंह घटना के बाद से ही लगातार जेल में ही है। दोषी पाए जाने के बाद वंश नारायण सिंह एवं रणधीर सिंह को न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया है। तीनों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है।
अमर सिंह वर्तमान में रामगढ़ जेल में बंद है। फैसले के दौरान उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत ने बीते 28 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 11 सितंबर फैसले की तारीख निर्धारित की थी। मामले में अभियोजन की ओर से एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने बहस की थी। साथ ही सूचक की ओर से अधिवक्ता रोहित रंजन प्रसाद एवं दीपक कुमार ने पक्ष रखा था। वहीं बचाव पक्ष की ओर से बाहर के वकील ने पक्ष रखा था। यह फैसला घटना के नौ साल बाद आया है। हालांकि अपने बेटे के हत्यारे की सजा सुनने के पहले ही राणा संग्राम सिंह का निधन हो गया।
फैसले के दौरान मृतक के परिवार की कई सदस्य कोर्ट रूम में मौजूद थे। एक आरोपी अमर सिंह का चालक रमेश फरार है। घटना का अंजाम 9 अक्तूबर 2015 को धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक के पास सुबह 8 बजे कर दी गई थी। ठाकुर यशवंत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं जसवंत के भाई राणा प्रताप सिंह को सिर पर लाठी से हमला कर घायल कर दिया गया। हत्या के पीछे जमीन और बस चलाने के विवाद था। घटना को लेकर धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।