झटका: पहाड़ी मंदिर विकास समिति को हाईकोर्ट ने किया पुन: बहाल, नई कमेटी को किया गया भंग
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से बनाई गई कमेटी को भंग कर दिया है। साथ ही रांची के उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी पुरानी कमेटी को बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने धार्मिक न्यास बोर्ड के द्वारा पुरानी कमेटी को भंग करने के आदेश को रद्द कर दिया है। मंगलवार को हाईकोर्ट में पहाड़ी मंदिर विकास समिति को भंग करने से संबंधित झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान उक्त आदेश दिया गया। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुरानी कमेटी को यह भंग करने का कोई कारण नहीं दिया गया। पहाड़ी मंदिर विकास समिति को भंग करने के पूर्व बोर्ड से प्रस्ताव भी पारित नहीं कराया गया। बोर्ड के अध्यक्ष ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर समिति को भंग करने का आदेश जारी किया है। जो कानून गलत है। कहीं से भी उचित नहीं है। धार्मिक न्यास बोर्ड की पुरानी कमेटी को भंग करने का आदेश रद्द किया जाए।
यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने पूर्व में मामले में पहाड़ी मंदिर की 11 सदस्यीय नई कमेटी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया था कि संस्था द्वारा 1992 में मंदिर बनाया गया। संस्था उसके विकास का कार्य करती रही। संस्था निबंधित है तथा इनकम टैक्स एक्ट के तहत छूट भी प्राप्त है। हर साल ऑडिट भी होता है। इसका धार्मिक न्यास बोर्ड से कुछ लेना-देना नहीं था। मालूम हो कि प्रार्थी पहाड़ी मंदिर विकास समिति की ओर से याचिका दायर की गई थी। प्रार्थी ने धार्मिक न्यास बोर्ड की नोटिस व पिछले साल 9 सितंबर के आदेश को चुनौती दी थी।