एसएसपी रांची के शपथ पत्र को किया अस्वीकार, नया दाखिल करने का दिया निर्देश
हाईकोर्टः झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. बीआर सारंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने खुले में मांस बेचने पर रोक लगाने के मामले में रांची नगर निगम और एसएसपी रांची की रिपोर्ट में विरोधाभाष होने पर कड़ी नाराजगी जताई है। एसएसपी रांची के शपथ पत्र को अस्वीकार कर दिया और फिर से शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को खुले में मांस बेचने पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने नाराजगी जताई। अदालत ने पूछा है कि रांची नगर निगम की ओर से दी गई सूची पर क्या कार्रवाई की गई है। मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
इससे पहले रांची नगर निगम और रांची एसएसपी की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया, जिसमें रांची में मांस बेचने वाली सभी दुकानों का सर्वे किया गया। कहा गया कि अधिकतर दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही है। दुकानों पर काला शीशा भी नहीं लगाया गया है। उक्त सूची को कार्रवाई के लिए रांची एसएसपी को भेजा गया है। इधर, एसएसपी ओर से कहा गया कि सभी दुकानदार नियमों का पालन कर रहे हैं। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। जब नगर निगम कह रहा है कि दुकानदार नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो पुलिस की ओर से ऐसा शपथ पत्र कैसे दाखिल किया जाा सकता है।
अदालत ने फिर से शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभम काटारूका ने कहा कि पुलिस महज खाना पूर्ति की जा रही है। कोर्ट के आदेश के बाद दुकानदार कपड़ा और प्लास्टिक से ढककर मांस बेचे जा रहे हैं। यह अस्थाई व्यवस्था है। पुलिस को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसको लेकर दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि मांस बेचने वाले दुकानदार नियमों का पालन नहीं करते हैं। खुले में मांस बेचने से शाकाहारी लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है।