Tender Commission Case: टेंडर कमीशन से प्राप्त एक बड़ी रकम का मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद सूबे के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनका आप्त सचिव संजीव कुमार लाल एवं नौकर जहांगीर आलम पर पीएमएलए कोर्ट ने दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट को अदालत ने सही ठहराया है। संज्ञान लेने के साथ ही तीनों की मुश्किलें बढ़ गई है। ईडी ने जांच पूरी करते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में बीते 4 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी। अब मामले में आरोपियों को पुलिस पेपर सौंपा जाएगा। ईडी ने अपने चार्जशीट में लिखा है कि संजीव लाल के नौकर के ठिकानों पर हुई छापेमारी में 32.20 करोड़ रुपए मिले। पूछताछ में यह बड़ी रकम टेंडर कमीशन का निकला है। यह रकम आलमगीर आलम के माध्यम से प्राप्त हुआ है। ईडी ने चार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
इसके अलावा ईडी ने कई चल-अचल संपत्ति का भी जिक्र किया है। जिस पर जल्द ही ईडी अटैच की कार्रवाई करेगी। ईडी ने संजीव लाल व नौकर जहांगीर आलम को छह मई को गिरफ्तार किया था। वहीं आलमगीर आलम को 15 मई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने गिरफ्तारी के बाद तीनों से 14 दिन तक पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया था। तब से तीनों आरोपी जेल में है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद तीनों की जेल से निकलने की मनसुबे पर पानी फेर दिया गया है। ईडी ने छापेमारी के दौरान ठेकेदार मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ और राजीव सिंह के ठिकाने से 2.14 करोड़ रुपए नकद बरामद हुआ था। आरोपियों की पेशी के बाद न्यायिक हिरासत अवधि भी बढ़ा दी गई है।
जबकि संजीव लाल के सचिवालय के कार्यालय से 10 लाख कैश के साथ डिजिटल उपकरम और कागजात बरामद किया गया था। टेंडर कमीशन मामले में अब तक नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था। तीन आरोपियों को अग्रिम जमानत मिली है। एक आरोपी ह्रदय नाथ तिवारी फरार है। ईडी ने कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। नौ जेल में है।