CBI Court: रांची- सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने सोमवार को छह साल पुराने नोटबंदी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए रामगढ़ कैंट के प्रधान डाकघर के तत्कालीन पोस्ट मास्टर Vinay कुमार सिंह को करेेंसी बदलने के कथित अनियमितताओं के आरोप में दोषी करार कर चार साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। Vinay कुमार सिंह ने 8 से 10 नवंबर 2016 के बीच कैंद्र सराकर द्वारा 500 एवं 1000 रुपए मूल्यवर्ग के मौजूदा बैंक नोटों को अवैध घोषित करने के बावजूद कैश बुक में 3.84 लाख रुपए की प्रविष्टि 8 नवंबर 2016 को की गई थी। लेकिन 9 नवंबर 2016 को अमान्य नोट बेक को कोई आदान-प्रदान नहीं दिखलाई गई थी। जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
इसी मामले में कोषाध्यक्ष सह डाक सहायक बासुदेव राम भी आरोपी हैं। अस्पताल में भर्ती रहने के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। सीबीआई ने गबन को लेकर 2018 में प्राथमिकी दर्ज कर तफ्तीश प्रारंभ की थी। सीबीआई ने जांच में पाया कि रामगढ़ कैंट प्रधान डाकघर के पोस्ट मास्टर ने अन्य के मिलकर आपराधिक साजिश करते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है और नकदी का गबन किया है। जांच में पाया गया था कि 10 नवंबर 2016 को कोषाध्यक्ष की रोकड़ बही में अमान्य नोटों की संख्या में 3.84 लाख रुपए की वृद्धि दर्शाई गई।
जबकि 100, 50, 20 व 10 रुपए के वैध नोटों में 3,74,458 रुपए की कमी दर्शाई गई थी। इनलोगों ने अमान्य नोटों को अनाधिकृत रुप से धोखाधडी से 3,65,610 रुपए की वैध नोटों की कीमत पर रोकड़ शेष में समायोजित किया गया था। आरोप था कि प्रधान डाकघर, रामगढ़ कैंट के विभिन्न अज्ञात डाक कर्मचारियों/अधिकारियों के साथ-साथ निजी व्यक्तियों द्वारा नवंबर, 2016 के महीने के दौरान अमान्य नोटों के आदान-प्रदान में विभिन्न अनियमितताएं की गईं। जिसके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से ठोस गवाही दर्ज कराई गई थी। जिसके आधार पर अदालत ने अभियुक्त संजय कुमार सिंह को दोषी पाकर सजा सुनाई है।