Pune Porsche Accident: पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार की टक्कर लगने से हुई दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत मामले में पुलिस ने 17 वर्षीय किशोर के माता-पिता को अदालत के समक्ष पेश किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि रक्त के नमूने में हेराफेरी की जांच के लिए किशोर के माता-पिता का रक्त एकत्र करके डीएनए परीक्षण कराने की आवश्यकता है। पूछताछ के लिए पुलिस ने अदालत से रिमांड की मांग की। विशेष अदालत ने कार ड्राइवर किशोर के माता-पिता को पांच जून तक पुलिस हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है।
रिमांड लेने की मांगी अनुमति
अपराध शाखा के जांच अधिकारी सुनील तांबे ने किशोर के माता-पिता को विशेष न्यायाधीश एएस वाघमारे के समक्ष पेश किया। अभियोजक के माध्यम से दोनों को सात दिन के रिमांड पर लेने की मांग की। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि पुलिस ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सामने दंपति से पूछताछ करना चाहती है, ताकि खून का नमूना बदलने तक पूरे लेन-देन के बारे में पता लगाया जा सके।
डॉक्टर को रुपये देने वाले को भी पकड़ना चाहती है पुलिस
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पुलिस उन दो लोगों को भी गिरफ्तार करना चाहती है, जिनमें से एक ने बिल्डर और किशोर के पिता डॉ. अजय टावरे से डॉक्टर का संपर्क कराया और दूसरे ने बिल्डर के कहने पर डॉ. श्रीहरि हलनोर को तीन लाख रुपये दिए। तांबे ने बताया कि अस्पताल परिसर लगे सीसीटीवी कैमरों में दोनों लोग कैद हुए हैं, जो मामले की जांच में अहम कड़ी हैं।
डॉ. हलनोर ने किशोर का खून एकत्र कर शीशी में नहीं रखा
अभियोक्ता के माध्यम से पुलिस ने अदालत को बताया कि डॉ. हलनोर ने किशोर का खून एकत्र किया, लेकिन उसे शीशी में नहीं रखा। बाद में उन्होंने पोर्श कार चला रहे किशोर की मां से खून का नमूना लिया और एक शीशी पर किशोर का नाम लिखकर अल्कोहल की मात्रा जांचने के लिए उसे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह किशोर के खून वाली उस सिरिंज को ढूंढना चाहते थे, जिसको डॉ. हलनोर ने किशोर के माता-पिता को निपटान के लिए दिया था।