झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में जेपीएससी परीक्षा नियुक्ति में दसवीं और 12वीं की परीक्षा राज्य के संस्थान से उत्तीर्ण होने की शर्त के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि राज्य सरकार बार-बार समय लेकर मामले को लटकाना चाहती है। जबकि इस मामले में सरकार की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी कर दी गई।
नियुक्ति नियमावली में दसवीं और 12वीं की शर्त लगाना पूरी तरह से गैरवाजिब है। इसकी वजह से कई अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से वंचित हो गए हैं। उनकी ओर से कहा गया कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हाई कोर्ट के प्रश्न पर सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त करने को लेकर समय की मांग की थी। क्योंकि इस मामले सरकार का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ताओं ने कहा था कि इस बीच मामले में कोई मान्य रास्ता निकला जा सकेगा।
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इस पर अदालत ने वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा कि उन्हें राज्य सरकार से क्या दिशा निर्देश प्राप्त हुआ है। इस पर उनकी ओर से कहा गया कि राज्य सरकार अपने स्टैंड (पक्ष) पर कायम है। याचिका में उठाए गए बिंदुओं की संवैधानिकता पर सुनवाई करते हुए अदालत अपना आदेश पारित कर सकती है।
इस पर वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने विषय की गंभीरता के बारे में कहा कि सरकार की ओर से जेएसएससी नियुक्ति में लागू की गई शर्तों की वजह से बड़े वर्ग के अभ्यर्थी असंतुष्ट हैं और चयन प्रक्रिया से वंचित हो गए हैं। एक ओर राज्य सरकार इस मामले में समय की मांग कर रही है और दूसरी ओर से नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी कर दी गई है।
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इसलिए इस मामले में त्वरित निष्पादन जरूरी है अन्यथा बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से शामिल नहीं हो
पाएंगे। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अगले सप्ताह ही मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मामले में दस अगस्त को सुनवाई किए जाने का आग्रह किया गया।
जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। इस संबंध में रमेश हांसदा सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि नई नियुक्ति नियमावली में दसवीं और 12वीं राज्य के संस्थान से उत्तीर्ण होने ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।