रांची। झारखंड के 13 अधिसूचित जिलों (Schedule district) की नियुक्ति रद करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (SLP) दाखिल की गई है। हाईकोर्ट ने सरकार की नियोजन नीति (Niyojan niti) को असंवैधिनक घोषित करते हुए अधिसूचित जिलों में हुई नियुक्ति को भी रद कर दिया था। इसके खिलाफ सिमडेगा के सत्यजीत कुमार, खूंटी के नीरज कुमार साहू व दुमका के रूपेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके तहत 13 अधिसूचित जिलों में हुई नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से 8423 अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं। याचिका में कहा गया है कि हाई स्कूल शिक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति हो चुकी है। इस मामले में उनकी कोई गलती नहीं है। इसलिए उनकी नियुक्ति को बहाल रखा जाए। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का हवाला दिया गया है। याचिका में सोनी कुमारी, जेएसएससी, सरकार के शिक्षा विभाग को प्रतिवादी बनाया गया है।
गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ ने राज्य सरकार के नियोजन नीति को असंवैधानिक घोषित करते हुए खारिज कर दिया। साथ ही 13 अधिसूचित जिलों में हुई नियुक्ति को भी रद करते हुए फिर से नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में माना है कि सरकार की नीति असंवैधानिक है, क्योंकि किसी भी हाल में किसी पद पर सौ फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
राज्य सरकार ने 14 जुलाई 2016 को नियोजन नीति की अधिसूचना जारी करते हुए 13 जिलों को अधिसूचित और 11 को गैर अधिसूचित जिला घोषित किया गया। सरकार ने 13 जिलों के तृतीय एवं चतुर्थ पद स्थानीय लोगों के लिए पूरी तरह के आरक्षित कर दिया। इसके आधार पर जेएसएससी ने हाई स्कूल शिक्षक के लिए नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की थी। इसमें गैर अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थी अधिसूचित जिलों में आवदेन नहीं कर सकते थे। इसके खिलाफ सोनी कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इसे भी पढ़ेंः दिव्यांग विद्यालय पर सीआरपीएफ का कब्जा, खाली कराने के लिए हाईकोर्ट में पीआईएल