झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का चुनाव हंगामे के बाद निरस्त कर दिया गया है। मतदान के बाद सील किए गए मतपत्रों और मतगणना के समय मतपत्रों का अंतर पाए जाने के बाद वकीलों ने हंगामा कर दिया।
धक्का मुक्की के बाद कुछ वकीलों के बीच मारपीट भी हो गई। करीब एक घंटे के हंगामे के बाद निर्वाची पदाधिकारी ने मतदान निरस्त करने की घोषणा कर दी। इसकी रिपोर्ट झारखंड स्टेट बार काउंसिल को शुक्रवार को सौंप जाएगी। इसके पहले सुबह दस बजे से शांतिपूर्वक मतदान हुआ था।
जानकारी के अनुसार मतदान के बाद जब मतपेटियों को सील किया गया उस समय कुल वोट 1408 बताया गया। लेकिन मतगणना के चरण में जब सभी मत पत्रों को मिलाकर गिना गया तो मतपत्रों की संख्या 1500 हो गयी। 100 मतपत्र अधिक मिलने के बाद कुछ उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
निर्वाची पदाधिकारियों के साथ दुर्वयवहार किया गया और मतगणना में लगे कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की गई । कुछ लोगों ने मतपेटी को फेकने का प्रयास भी किया। हंगामे के बाद कई वकील मामले को शांत करने का प्रयास भी कर रहे थे लेकिन उम्मीदवारों के समर्थकों ने हंगामा जारी रखा।
बाद में निर्वाची पदाधिकारियों ने चुनाव निरस्त करने की घोषणा कर दी। इसके बाद सभी लोग वहां से निकल गए। निर्वाची पदाधिकारी वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह, एमके राय और विजय राय चुनाव निरस्त करने की घोषणा की। शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।
इसके पूर्व सुबह दस बजे से मतदान शुरू हुआ जो शाम चार बजे तक चला। चुनाव में 1904 मतदाता थे, जबकि 1408 वकीलों ने मतदान किया था। सात पदाधिकारी और नौ कार्यकारिणी सदस्य के लिए चुनाव हो रहा था। पदाधिकारी के लिए 38 और कार्य कारिणी के लिए 41 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।