नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट बुधवार को केन्द्र की उस याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करने को तैयार हो गया, जिसमें उसने दो इतालवी सैनिकों के खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने का अनुरोध किया है। इन दोनों इतावली सैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने का आरोप है।
केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने मृतकों के परिवार के सदस्यों से सम्पर्क किया और उन्हें बकाया मुआवजा दे दिया गया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि पिछली सुनवाई में अदालत ने मृतकों के परिवार से सम्पर्क करने को कहा था।
मेहता ने कहा कि उनसे सम्पर्क किया गया। उन्हें बकाया मुआवजा भी अदा कर दिया गया है। वे यहां भी मौजूद हैं। इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी। मेहता ने फिर पीठ से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई नौ अप्रैल शुक्रवार को की जाए क्योंकि यह मामला भारतीय और इतालवी सरकार के बीच का है।
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पीठ ने इसके बाद कहा ठीक है और वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सात अगस्त को यह स्पष्ट कर दिया था कि वह दोनों इतालवी सैनिकों के खिलाफ मामला बंद करने का आदेश, मृतकों के परिवार का पक्ष सुने बिना नहीं देगा, जिन्हें पर्याप्त मुआवजा भी मिलना चाहिए।
केन्द्र ने तीन जुलाई को अदालत में इतालवी सैनिकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बंद करने के लिये एक आवेदन दायर किया था। केन्द्र ने कहा था कि उसने हेग स्थित पंचाट की स्थाई अदालत का 21 मई, 2020 का फैसला स्वीकार कर लिया है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हकदार है लेकिन इन सैनिकों को प्राप्त छूट की वजह से वह इन पर मुकदमा नहीं चला सकता।
भारत ने इटली के तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर तैनात दो इतालवी सैनिकों -सल्वाटोरे गिरोने और मैस्सीमिलियानो लटोरे- पर भारत के आर्थिक क्षेत्र में 15 फरवरी 2012 को मछली पकड़ने वाली नौका में सवार दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाया था।
इन इतावली सैनिकों के खिलाफ मछली पकड़ने वाली नौका ‘सेंट एंटनी’ के मालिक फ्रेडी ने शिकायत दर्ज करायी थी कि इन नाविकों द्वारा गोली चलाये जाने के कारण केरल के दो मछुआरों की मौत हो गयी है।