रांची के जल स्त्रोतों में प्रदूषण और अतिक्रमण से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने सरकार से कहा कि जवाब में कुछ भी नया नहीं है। जब रांची में 71 तालाब थे तो अब सभी तालाब कहां गायब हो गए। अभी सिर्फ चार- पांच ही तालाब दिख रहे हैं। अब तो 71 तालाब की बात स्वप्न लगती है। दीर्घकालीन प्लान के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। आठ साल से यह मामला लंबित है इस दौरान सरकार की ओर से अनगिनत शपथपत्र दाखिल किया गया, लेकिन एक ही बात हर बार कही गयी। आठ साल पहले भी डैमों के पास अतिक्रमण थे और अभी भी हैं।
अदालत ने सरकार को जल स्त्रोतों को बचाने, अतिक्रमण हटाने के लिए दीर्घकालीन योजना पेश करने और बिंदुवार और समयबद्ध जानकारी देने को कहा। साथ ही 71 तालाबों की जानकारी भी मांगी है। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2016 में भी राज्य सरकार ने शपथ पत्र दाखिल कर रांची सहित झारखंड में पेयजल की कमी दूर करने के संबंध में दीर्घकालीन योजना बनाने की बात कही थी। धुर्वा, कांके और गेतलसूद डैम सहित हिनू नदी से अतिक्रमण हटाने की भी बात कही थी, लेकिन इस पर सरकार ने कोई काम नहीं किया। आठ साल बाद भी रांची के जल स्रोतों और डैम के पास अतिक्रमण है।
राज्य सरकार आज भी अपनी रिपोर्ट में उन्हीं बातों को दोहरा रही है जिसे आठ साल पूर्व शपथ पत्र में बताया गया था।
इस पर कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची में हालात खराब दिख रहे हैं। हरमू नदी, जुमार नदी में अतिक्रमण देखा जा सकता है। कांके डैम, धुर्वा डैम में कैचमेंट एरिया के अतिक्रमण से जल संचय की क्षमता घट गयी है। 10 सालों के बाद रांची में पेयजल की भारी किल्लत हो सकती है। इस साल भी अबतक 35% कम वर्षा हुई है। अगले साल गर्मी में रांची के लोगों को फिर पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। अदालत ने कहा कि इस जनहित याचिका पर वर्ष 2011 से सुनवाई चल रही है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से हर बार शपथ पत्र दाखिल किया जा रहा है जो की आधारहीन होता है।
कोर्ट ने भी समय-समय पर रांची सहित पूरे झारखंड में पानी का संकट दूर करने का आदेश दिया है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।अदालत ने कहा कि वर्ष 2011 में रांची की जनसंख्या कम थी अब 13 साल के बाद जनसंख्या काफी बढ़ गयी है। ऐसे में रांची के जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाकर पानी का संचय काफी जरूरी है।