हरमू नहीं से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर अवमानना याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम और जुडको से जवाब मांगा है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने निगम से पूछा है कि हरमू नदी के किनारे कितने भवन अतिक्रमण में पाए गए हैं। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है। नदी पर अतिक्रमण करने वाले कितने लोगों के खिलाफ अनधिकृत निर्माण का केस दर्ज किया गया है। केस की वर्तमान स्थिति क्या है। हरमू नदी के अतिक्रमण से संबंधित कितने केस निगम के पास लंबित है।
कोर्ट ने जुडको से पूछा है कि हरमू नदी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए क्या कार्रवाई की गई हैललन कुमार शर्मा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि हरमू नदी रांची शहर के बीचो-बीच स्थित है। यह रांची के हृदयस्थली के रूप में है। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नदी के किनारे से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विशाल कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया गया कि हरमू नदी अतिक्रमण के कारण काफी छोटी हो गई है। लोग घरों की गंदगी सीधे हरमू नदी में डाल रहे हैं, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है।
बता दें कि प्रार्थी ने हरमू नदी से अतिक्रमण हटाने को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसमें कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने और अन्य दिशा निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी थी। साथ ही प्रार्थी को छूट दी थी कि हरमू नदी से अतिक्रमण हटाने पर कार्रवाई नहीं की गई तो प्रार्थी फिर से कोर्ट आ सकता है। इसके बाद हरमू नदी को लेकर कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर प्रार्थी ने अवमानना याचिका दाखिल की है।