Ranchi: टेरर फंडिंग (Terror funding) के आरोपी आधुनिक पावर के एमडी महेश अग्रवाल और ट्रांसपोर्टर अमित अग्रवाल व विनीत अग्रवाल को झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इनको किसी प्रकार की राहत देने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दिया। पूर्व में बहस पूरी होने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।ॉ
तीनों पर मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में उग्रवादी संगठनों को फंड देने का आरोप है। इनके खिलाफ एनआईए ने प्राथमिकी दर्ज की है। पूर्व में सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर अदालत को बताया कि इस पूरे मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। वहीं, इसी मामले में आरोपी सुदेश केडिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ मामला नहीं बनता है। लेकिन ट्रायल चलेगा।
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इसी मामले में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है। ऐसे में प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भी मामला नहीं बता है। इसलिए एनआईए कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान को खारिज करते हुए उन्हें राहत दी जानी चाहिए। एनआईए की ओर से कहा कि उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और कोर्ट ने इनके मामले में जो संज्ञान लिया है वो भी बिल्कुल सही है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
बता दें कि मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में लोडिंग एवं खनन के लिए कार्य कर रही कंपनियों पर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को आर्थिक मदद पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। वहीं, रांची एनआईए की विशेष अदालत के द्वारा लिए गए संज्ञान को चुनौती देते हुए टेरर फंडिग के आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामला निरस्त करने की मांग की है।
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