Ranchi: Teacher Appointment झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में राज्य के गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि जब इतिहास और नागरिक शास्त्र शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है, तो संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति कब फैसला लेगी।
अदालत ने इसकी पूरी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में कविता शर्मा व प्रदीप पांडेय सहित अन्य की ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से उनके अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि पूर्व में कोर्ट ने गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि सोनी कुमारी मामले में पारा 64 में इन जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का आदेश दिया गया है।
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जब इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया तो प्रार्थियों की ओर से अदालत में अवमानना याचिका दाखिल किया गया है। अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि 10 अक्टूबर 2021 को राज्य सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया।
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार गैर अनुसूचित जिलों में इतिहास और नागरिक शास्त्र के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार संस्कृत शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के मामले में अभी तक निर्णय नहीं लिया है।
जबिक संस्कृत शिक्षकों की सारी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेएसएससी ने अगस्त 2019 में इनके नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है। इस पर राज्य सरकार की ओर से समय की मांग करते हुए कहा गया कि जल्द ही राज्य सरकार इनके नियुक्ति पर निर्णय लेगी। इस पर अदालत ने उनसे जवाब मांगा है।