भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ममता सरकार से मांगा जवाब
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है जिसमें पश्चिम बंगाल चुनाव मतगणना के बाद दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने मृतक बीजेपी कार्यकर्ताओं के रिश्तेदारों की अर्जी पर सुनवाई की।
बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार और हरेन अधिकारी की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद जैसे ही चुनाव परिणाम आया उसके बाद ये हिंसा भड़की थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि हत्या के बाद पुलिस ने लचर रवैया अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआईटी का गठन होना चाहिए जो मामले की जांच करे।
अभिजीत सरकार के भाई बिश्वजीत सरकार और हरेन की पत्नी की ओर से अर्जी दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि अभिजीत सरकार को घर से घसीटा गया था और फिर हत्या की गई थी। दूसरे बीजेपी कार्यकर्ता हरेन अधिकारी की हत्या का मामला भी उठाया गया है और कहा गया कि अधिकारी की पत्नी चश्मदीद गवाह हैं।
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याची के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि ये पूरी तरह से राज्य की लापरवाही का मामला है। राज्य तथ्यों को नजरअंदाज कर रही है और तथ्य छुपा रही है। लोगों को मरने के छोड़ दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और अगले मंगलवार को सुनवाई का फैसला किया है।
याचिकाकर्ता और सह याचिकाकर्ता यानी हरेन अधिकारी की पत्नी ने अर्जी दाखिल कर कहा कि वह चश्मदीद गवाह हैं। याचिकाकर्ता बिश्वजीत ने कहा कि मॉब ने सीसीटीवी कैमरे के वायर से गला घोंटा था। साथ ही ईंट से मारा था। सिर पर पत्थर मारा गया था। अभिजीत की मां के सामने उनकी हत्या की गई थी। बाद में उनकी मां बेहोश हो गई थी।
जिस दिन दो मई को काउंटिंग चल रही थी उसी दिन दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है ऐसे में मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अभी तक अभिजीत सरकार के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि लाश का पोस्टमॉर्टम की विडियो रेकॉर्डिंग की जाए।