High Court: जल स्त्रोतों में अतिक्रमण और प्रदूषण से जुड़े याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को अदालत ने गंभीर टिप्पणी की। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने कोर्ट में मौजूद नगर विकास और पेयजल विभाग के सचिव से कहा कि रांची में पेयजल के लिए सिर्फ पाइप बिछाने से कुछ नहीं होगा। पानी को संरक्षित रखने और डैम के कैचमेंट एरिया को बचा कर रखना होगा। शहर के जल स्त्रोतों हिनू नदी, कांके, हटिया और गेतलसूद डैम से अतिक्रमण हटाना होगा। अदालत ने कहा कि कांके डैम में नाले का पानी अभी भी गिर रहा है। लगातार गंदगी डाले जाने एवं अतिक्रमण से हरमू नदी नाले में बदल चुकी है।
कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया। कमेटी को एक सप्ताह में शहर के डैमें में अतिक्रमण एवं जल स्रोतों में पानी संरक्षित रखने, कैचमेंट एरिया को बनाए रखना आदि विषयों पर बैठक करने और तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। इससे पूर्व सुनवाई के दौरान कोर्ट में सशरीर उपस्थित पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एवं नगर विकास विभाग के सचिव ने अदालत को बताया कि रांची शहर में पेय जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने जा रहे हैं।
पाइपलाइन के माध्यम से वर्ष 2026 तक दो लाख घरों को पानी का कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा वाटर और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर रांची के गंदे पानी की सफाई की जाएगी। रांची नगर निगम के प्रशासक ने कोर्ट को बताया कि बड़ा तालाब की स्थाई सफाई के लिए कई एजेंसियों से बात की जा रही है। तकनीक का इस्तेमाल कर बड़ा तालाब की सफाई की जाएगी।
कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर के कई इलाके नगरमल मोदी सेवा सदन के आसपास, हरमू के निचले क्षेत्र, थड़पखना एवं अन्य जगहों में दो घंटे की वर्षा के बाद नाली का पानी सड़कों पर आ जाता है और लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है।
इस पर कोर्ट ने रांची नगर निगम के प्रशासक से मौखिक कहा अभी मानसून आने वाला है, राजधानी में वर्षा होने पर सड़कों पर नल का गंदा पानी आ जाता है, ऐसे में नाले की सफाई कर उसे दुरुस्त रखें ताकि गंदा पानी सड़क पर न आ सके।