शहर की लचर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए दायर जनिहत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को नियमों का पालन कराने के लिए लगातार अभियान चलाने का निर्देश दिया है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने रांची नगर निगम को ई-रिक्शा पर उनके परमिट वाले रूट चार्ट लगाने का निर्देश दिया ताकि वे दूसरे रूट में अपने ई रिक्शा ना चलाएं। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि वैसे रूट में ई रिक्शा को परमिट न दिया जाए जहां हर दिन जाम लगता है।
अदालत ने राज्य सरकार से कहा की रांची शहर के चौक चौराहा में कहां-कहां ट्रैफिक पोस्ट की जरूरत है उसे चिन्हित कर कोर्ट को बताएं। इसके अलावा ट्रैफिक पोस्ट में पुलिस के लिए वॉशरूम की व्यवस्था रखें। कोर्ट ने मौखिक कहा की ट्रैफिक पुलिसकर्मी 12 से 14 घंटा तक ट्रैफिक नियम के पालन को लेकर सड़कों पर तैनात रहते हैं इसलिए उनके लिए ट्रैफिक पोस्ट में वॉशरूम की व्यवस्था भी होनी चाहिए, सरकार को इस पर भी ध्यान रखने की जरूरत है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि एक सप्ताह के अंदर 156 ई रिक्शा और पांच ऑटो जब्त किए गए हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि 20 जून से एक जुलाई तक 18,725 टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर का चालान काटा गया है।
अदालत को बताया गया कि ट्रैफिक एसपी ने उप परिवहन आयुक्त से कहा है कि ऑटो चालकों के ब्लू रंग का ड्रेस कोड ही ई-रिक्शा चालकों के लिए निर्धारित की जाए। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि रांची में ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या है, ऐसे में ऑटो और ई रिक्शा को रांची शहर में चलने के कैसे परमिट दिया जा रहा है। शहर के लोग जाम से कराह रहे हैं। मेन रोड में कछुए की चाल से वाहन रेंगते हैं। किशोरगंज चौक, रातू रोड, मेन रोड में सर्जना चौक से लेकर सुजाता चौक तक प्रतिदिन वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलती है। पुलिसकर्मी और रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम यह सुनिश्चित करे कि ट्रैफिक व्यवस्था सुगम रहे।
कोर्ट ने कहा था कि ऑटो या ई रिक्शा चलाने वाले अपने परमिट के अनुसार निर्धारित रूट पर ही वाहन चलाएं यह सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी एवं नगर निगम के इंफोर्समेंट टीम को लगातार नजर रखनी होगी। ऐसा देखा गया है कि ऑटो ई रिक्शा चालक अपने निर्धारित रूट को छोड़कर मेन रोड में अपने वाहन चलाते हैं, जिससे मेन रोड में यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है।